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ज्ञान के आदान-प्रदान से खेती को ज्यादा लाभ मिल सकता है-श्री नाईक

Posted on 09 March 2016 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज राजभवन में उत्तर प्रदेश प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिये कृषि एवं कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उत्पादक इस प्रदर्शनी से प्रेरणा प्राप्त करके उत्पादन बढ़ाये। उत्तर प्रदेश देश का बड़ा राज्य है जहां का मुख्य व्यवसाय कृषि है। हमें अपने कृषि उत्पादन बढ़ाने पर और जोर देना होगा। उत्तर प्रदेश बढ़ेगा तो सारा देश बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश को बढ़ाने के लिये उत्तर प्रदेश को और बढ़ाने का प्रयास हो।
श्री नाईक ने कहा कि गेहूं, चावल और दलहनी खेती के साथ-साथ फल-फूल और सब्जी के उत्पादन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। आजादी के बाद देश को बाहर से गेहूं आयात करने की जरूरत पड़ी थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री ने भारत-पाक युद्ध में अन्न बचाने की दृष्टि से सप्ताह में एक दिन उपवास करने तथा जय जवान-जय किसान का नारा दिया था। अब देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं और विदेशों में निर्यात करता है। देश में बड़े पैमाने पर सब्जियों का उत्पादन होता है। कभी-कभी ज्यादा उत्पादन के कारण किसान को उस समय अपने उत्पाद का मूल्य नहीं मिलता और वह मजबूरी में अपनी उपज को स्वयं नष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भण्डारण और प्रसंस्करण की उचित सुविधा हो जिससे किसान को अपनी उपज का सही दाम एवं लाभ मिल सके।
राज्यपाल ने कहा कि किसानों को सही दिशा मिले तो और लाभ हो सकता है। शहरों की तरफ पलायन रोकने के लिये गाॅंवों में ही रोजगार की सुविधा हो। जैविक खेती की तरफ लोगांे का रूझान बढ़ा है। पूर्व में उत्तर प्रदेश में केला महाराष्ट्र से आता था अब उत्तर प्रदेश में ही केले की व्यापक तौर पर खेती हो रही है। उत्तर प्रदेश में गन्ना महत्वपूर्ण उपज है लेकिन महाराष्ट्र के गन्ने में शक्कर की रिकवरी 13 प्रतिशत है जबकि उत्तर प्रदेश में रिकवरी 10 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश के किसान महाराष्ट्र से प्रेरणा लेकर गन्ने की खेती में सुधार कर सकते हैं। अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तथा किसानों के सामांजस्य से कृषि के क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के आदान-प्रदान से खेती को ज्यादा लाभ मिल सकता है।
मुख्य सचिव, श्री आलोक रंजन ने कहा कि सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में बागवानी की नई योजना लागू की है। बागवानी के क्षेत्र मंे बहुत सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु नियंत्रित करने में बागवानी का महत्व है।
कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री प्रवीर कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार खाद्य एवं प्रसंस्करण क्षेत्र में अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थ व्यवस्था बढ़ाने वाले कदम उठाये जा रहे हैं।
इस प्रदर्शनी में कुल 45 वर्गों की आयोजित प्रतियोगिताओं में अंसल एपीआई, सुशान्त गोल्फ सिटी लखनऊ ने सर्वाधिक पुरस्कार अर्जित किये, जिसके लिये इनको नगद रूप् 7000/- की धनराशि तथा स्व0 शुभम् सिंह चल मेमोरियल कप प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही प्रदर्शनी में नीति सिंह, पूर्वाेत्तर रेलवे लखनऊ द्वारा प्रदर्शित गमलों में लगी सिक्लेमन नामक सदाबाहर पौधे को सर्वोत्तम प्रदर्श घोषित किया गया, जिसके लिये इनको नगद रू0 3000/- और स्व0 जंग बहादुर सिंह मेमोरियल चल वैजयन्ती देकर पुरस्कृत किया गया। सर्वोत्तम गुलाब का पुरस्कार श्री राजीव कुमार सक्सेना, एच0ए0एल0 लखनऊ को श्रीमती कृपा सिन्हा मेमोरियल वैजयन्ती प्रदान की गयी। कलात्मक पुष्प सज्जा वर्ग में श्रीमती राजेश्वरी कुमार, होटल क्लार्क अवध, लखनऊ सर्वोत्तम रहीं। इसके साथ ही कलात्मक पुष्प् सज्जा के विभिन्न वर्गों में अन्नया सिंह, अन्नत सिंह, आरव, पहल, तनीषा सक्सेना, पूनम वर्मा, हर्षिता गुप्ता, देविशी वर्मा तथा आदित्य मिश्रा सर्वोत्तम रहे।
औषधीय उद्यान/पार्क 100 वर्गमीटर से अधिक के लिये डा0 शिव शंकर त्रिपाठी, चिकित्साधिकारी(आयुर्वेद) धन्वन्तरि वाटिका राजभवन लखनऊ को श्री राज्यपाल चल बैजयन्ती प्रदान करके सम्मानित किया गया। प्राचीन स्मारिकों की श्रेणी में बड़ा, छोटा इमामबाड़ा एवं सतखण्डा लखनऊ प्रथम रहे। इस बार लखनऊ के सर्वश्रेष्ठ पार्क की श्रेणी में राजकीय उद्यान सआदत अली खां का मकबरा सर्वोत्तम रहा। कलात्मक गमलों के समूह तथा कार्यालय उद्यान एवं आवासीय उद्यान वर्ग में वरिष्ठ रजिस्ट्रार, माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ अव्वल रहे तथा चिकित्सालय उद्यान की श्रेणी में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त चिकित्सालय राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, गोमतीनगर लखनऊ को सर्वोत्तम घोषित किया गया।
स्व0 श्रीमती मीना सिंह मेमोरियल चल ट्राफी, 200 से 500 वर्गमीटर तक की गृहवाटिका के लिये श्रीमती डिम्पल यादव, 5-कालीदास मार्ग, लखनऊ को विजेता घोषित किया गया तथा स्व0 श्रीमती दुर्गावती मेमोरियल चल वैजयन्ती, गमलों में लगे कलात्मक समूह के लिये श्रीमती शशि जैन, लखनऊ को दिया गया। इसके अतिरिक्त मे0मनपसन्द आचार, माता श्री फूड प्रोडेक्ट, बाराबंकी की प्रोपराइटर श्रीमती प्रमिला श्रीवास्तव को फल संरक्षण (व्यवसायिक सर्व-साधारण के लिये) के वर्ग में श्री राज्यपाल चल वैजयन्ती प्रदान कर सम्मानित किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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