भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि आखिर जब प्रतिस्पर्धा के आधार पर बिजली घर लगाये जाने की व्यवस्था है तो एमओयू के आधार पर लगने वाली बिजली परियोजनाओं पर अखिलेश सरकार मेहरबान क्यों ? प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि करार के आधार पर बिजली घर लगाने की परियोजनायें जब आगे ही नहीं बढ़ रही है तो बार-बार उन्हें समय विस्तार क्यों, जिन परियोजनाओं को अब तक उत्पादन शुरू कर देना चाहिए वे कार्य ही नहीं प्रारम्भ कर पा रही है, उन पर रियायतों की बारिश करने में जुटी है अखिलेश सरकार आखिर क्यों ? उन्होंने कहा चाहे 600 करोड़ की परियोजना में 100 करोड़ की फर्जी बैंक गांरटी का प्रकरण हो अथवा एमओयू रूट से बिजली घर, सरकार के निर्णय सवालों के घेरे में है।
बहस्पतिवार को पार्टी मुख्यालय पर राज्य में बिजली परियोजनाओं को लेकर सवाल उठाते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जब एमओयू के आधार पर परियोजनाओं मंजूर दी गयी थी तो तय था कि परियोजनाओं को 18 महीने में लगा लिया जायेगा। किन्तु चला-चली की बेला में माया सरकार द्वारा लिये गये निर्णय पर अखिलेश सरकार ने प्रावधान के बावजूद उनकी बैंक गांरटी जब्त करने के बजाय निजी डब्लेपर्स को समय विस्तार दे दिया। ऐसा नहीं कि एक बार समय विस्तार दिया दुबारा भी 2013 में इन परियोजनाओं की एमओयू की अवधि बढ़ाई गयी, अखिलेश सरकार की मेहरबानियों के बावजूद परियोजनाएं परवाना नहीं चढ़ पा रही है। कम्पनियां समय सीमा बढ़वाने के लिए अपने राजनैतिक रिश्तों का प्रयोग करती रही, सरकार समय सीमा बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि लगातार विद्युत उत्पादन से लेकर वितरण तक के बड़े-बड़े दावें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर रहे है, किन्तु दावों से इतर हकीकत है। विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार का आलम ये है कि 600 करोड़ की अलग-अलग परियोजनाओं में 100 करोड़ से ज्यादा बैंक गांरटी के फर्जी होने की बात प्रकाश में आयी, जैसे ही इसके खुलासे हुए समाजवादी पार्टी नेतृत्व से करीबी रिश्ते रखने वाले लोगों ने जांच को शिथिल करा दिया, सही भी है जांच कैसे आगे बढ़ेगी जब आज भी वहीं अधिकारी प्रमुख भूमिका में है। जिनकी सरपरस्ती में ये चीजें परवान चढ़ी।
श्री पाठक ने कहा कि विपक्ष पर आरोप मढ़, अधिकारियों को गैर भरोसे मंद बता, भ्रष्टाचार के विरूद्ध संघर्ष की बात करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया, आरोपों की जद में आये लोगों के लिए सेफ पैसेज का निर्माण किया, यहीं कारण है कि जिन परियोजनाओं को तय शर्तो के आधार पर रद्द किया जाना चाहिए था उन्हें लगातार समय विस्तार देने का काम हो रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने एमओयू रूट से बिजली घर लगाने की परियोजनाओं को लगातार दिये जा रहे विस्तार पर आपत्ति जताते हुए करार के शर्तो के अनुसार कार्य न करने के कारण इसे रद्द किये जाने की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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