विश्व में श्रणार्थियों के अधिकार पर बढ़ते संकट की ओर सबका ध्यान केन्द्रित करते हुये श्री एस0सी0 सिन्हा, सदस्य राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा यह विचार ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रांगण में भ्नउंद त्पहीजेरू ज्ीम ब्नततमदज ळसवइंस ज्ीपदापदह विषय पर आयोजित विशिष्ट व्याख्यान में व्यक्त किये गये। सामाजिक न्याय पर प्रकाश डालते हुये श्री सिन्हा ने बाल अधिकार, महिलाओं के अधिकार और सांप्रदायिक अधिकारों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यू0एस0 में स्वास्थ, स्वच्छ पानी एवं सैनिटेशन को भी मानवअधिकार की श्रेणी में सम्मिलित कर लिया गया है। भारत को भी इस ओर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 खान मसऊद अहमद ने विद्यार्थियों और शिक्षकों में जागरूकता की कड़ी कहते हुये उनसे अपने शोध और लेखों द्वारा मानवाधिकार के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करने को कहा। कार्यक्रम की संचालिका जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की श्रीमती रूचिता सुजय चैधरी और संयोजिका डाॅ0 तनु डंग थीं। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं विभागीय सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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