जिलाधिकारी श्री राज शेखर ने कहा है कि लखनऊ में कम्युनिटी पुलिसिंग व्यवस्था को और मजबूत व प्रभावशाली बनाया जायेगा इसके लिए थानांे में प्रत्येक महीने कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए चिन्हित स्वयंसेवकों की बैठक करायी जायेगी। प्रशासन का प्रयास होगा कि जनता के विश्वास को अर्जित करें और प्रशासन पुलिस और सिविल डिफेंस के लोग शान्ति सुनिश्चित करते हुए विकास के लिए कार्य कर सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि गत 16 फरवरी 2010 को जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की 26 सदस्यीय समिति का गठन किया जा चुका है और उसकी जिला स्तरीय बैठक 24 अप्रैल 2010 को सम्पन्न भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सम्बंधित क्षेत्रीय अपर नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस उपाधीक्षक एवं वरिष्ठ वार्डनों की अध्यक्षता में थाना स्तरीय समिति जिसमें समस्त चैकी इंचार्ज सदस्य बनाये गये हैं का गठन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि थाना स्तर पर माह की एक तारीख से 20 तारीख के बीच और जिला स्तर पर 21 तारीख से 31 तारीख के बीच कम्युनिटी पुलिसिंग की बैठक की जायेगी।
नागरिक सुरक्षा संगठन के स्वयं सेवक पुलिस प्रशासन एवं जनता के बीच समन्वय बनाकर महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं सामुदायिक पुलिसिंग को लागू किये जाने से निश्चित तौर पर आंतरिक सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था में गुणात्मक सहयोग किया जा सकता है। सामुदायिक पुलिसिंग समुदाय के ही विशिष्ट नागरिकों द्वारा किया जाने वाला एक सेवा कार्य है जिसको नागरिक सुरक्षा के वार्डेन सफलता पूर्वक सम्पादित कर सकते हैं एवं पुलिस व्यवस्था में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर सकता है। सामुदायिक पुलिस (वार्डेन) महत्वपूर्ण सूचना देकर अपराधों एवं अपराधी प्रवृत्ति पर अंकुश लगा सकते हैं। सामुदायिक पुलिस अपने सम्बंधित क्षेत्र के छोटे-मोटे विवादों को निपटाने में जनता और पुलिस के बीच पुल का कार्य कर सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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