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कीटांे/व्याधियों की रोकथाम हेतु आम बागवानों को सुझाव-

Posted on 04 March 2016 by admin

जिला कृषि रक्षा अधिकारी डाॅ0 नरेन्द्र प्रताप मल्ल ने बताया कि जनपद लखनऊ की मलिहाबाद तहसील आम के फलपट्टी क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान में आम में बौर आ चुका है जिसमें सामयिक कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना है।
उन्होंने वर्तमान में आम की फसल में लगने वाले प्रमुख सामयिक कीट/रोग के नियंत्रण हेतु बागवान कृषकों को सुझााव दिये हैं कि अण्डों से निकले मिलीबग (गुजिया कीट) के रोकथाम हेतु मैलाथियान 5 प्रतिशत अथवा फेनवेलरेट 0.4 प्रतिशत धूल मे से किसी एक रसायन की मिला देना चाहिये। यदि  किसी कारणवश गुजिया पेड़ पर चढ़ चुकी हो तो क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई0सी0 2 मि0ली0 अथवा मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस0एल0 1.5 मिली0 अथवा डाइमेथोएट 30 प्रतिशत ई0सी0 1.5 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से घोलकर आवश्यकतानुसार 15 दिन के अन्तराल पर छिड़काव कराना चाहिए।
डाॅ0 मल्ल ने सुझाव दिया कि मैंगो हापर (भुनगा/फुदका) एवं गाल मिजं कीट के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस0एल0 0.35 मिली0 अथवा मानोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस0एल0 1.50 मिली0 प्रति लीटर पानी की दार से घोलकर प्रथम छिड़काव बौर निकलने पर एवं दूसरा छिड़काव जब बौर (मंजरी) पूर्ण रूप से खिलने पर तथा तीसरा छिड़काव जब फल मटर के दाने की बराबर हो जाने पर करना चाहिए।
उन्होंने बागवान कृषकों को सुझाव दिया कि पाउडरी मिल्ड्यू (खर्रा/दहिया) रोग के नियंत्रण हेतुु हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत ई0सी0 1 मिली0 अथवा हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत एस0सी0 0.5 मिली0 अथवा डाइनोकेप 48 प्रतिशत ई0सी0 0.5 मिली0 प्रति ली0 पानी की दर से पहला छिड़काव फूल खिलने के बाद दूसरा जब फल सरसों के बराबर तथा तीसरा छिड़काव जब फल के दाने के बराबर हो जाने पर करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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