‘देश-परदेश‘ नाम हैं उत्तर प्रदेश की सोंधी मिट्टी की खुशबू को अन्तर्राष्ट््रीय फलक पर बिखेरने की एक कोशिश,जिसको जन्म दिया है एक भारतीय प्रवासी गायिका इतिदा और बनारस घरानें के एक शास्त्रीय गायक राहुल मिश्रा नें। दोनो ही शिष्य है स्वनाम धन्य पद्म विभूषण बनारस घरानें की डा0 गिरिजा देवी के जो शास्त्रीय संगीत कीे एक विश्व विख्यात गायिका हैं।
‘देश-परदेश‘ बैण्ड के सदस्यों में सम्मिलित हैं बनारस घरानें की इतिदा ( गायिका ),राहुल -रोहित मिश्रा( गायक), अंशुमान महाराज( सरोद),विदेशी कलाकार हिक्टेर टाइरैडो ( स्पेनिश- गिटार), कोनर गैलब्रेथ(स्काॅटलैंड -बास) और इदो(इजराइल-ड्रम) ।
इस बैण्ड ने सम्पूर्ण विश्व को अपनी प्रस्तुतियों सें मंत्र-मुग्ध कर दिया हैं और अभी अपने भारत प्रवास के दोैरान ‘सैफई महोत्सव‘ एवं ’लखनऊ महोत्सव’ में उ0 प्र0 के माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी तथा माननीय सासंद श्रीमती डिम्पल यादव जी नें इस बैण्ड की प्रस्तुति की भूिर-भूरि प्रशंसा की हैं और उनकी बेटी ‘अदिति‘ नें इस बैण्ड के साथ गाया भी है।
गंगा और जमुना के संगम पर होनें वालें त्रिवेणी महोत्सव में अपनी रस माधुरी सें इस महोत्सव को भाव-विभोर करनें के लिए देश-परदेश बैण्ड अपनी कुछ मौलिक प्रस्तुतियों जैसें-हमरी अटरिया, मस्त कलन्दर ,बन्नो और फागुन के महीनें को रस सिक्त करती हुई होली मैडले को चुना है। इतिदा का इलाहाबाद सें एक और नाता है वह है उनकी दादी प्रसिद्ध गायिका स्व0 श्रीमती प्रमिला श्रीवास्तव की जन्म भूमि भी है।
अतः यह प्रस्तुति निश्चित ही इस अवसर पर एक यादगार प्रस्तुति होगी।
‘हंगामा म्यूजिक‘ नें इसी बैण्ड का ‘देश-परदेश‘ के नाम सें एक मशहूर ‘फ्यूजन एलबम‘ प्रस्तुत किया हैं जिसमें इस बैण्ड की कुछ मौलिक प्रस्तुतियाँ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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