इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ एवं उ0 प्र0 सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में इग्नू के पाठ्यक्रमों की प्रासंगिकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
श्री भानु प्रताप सिंह, निदेषक, सर्तकता अधिष्ठान ने दीप जला कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया एवं अपने सम्बोधन में बताया कि दूरस्थ शिक्षा कार्यरत् लोगों महिलाओं, दूर दराज के लोगों के लिए रामबाण औषधि है। शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की रीढ़ है तथा मानव के सर्वांगीण विकास में सहायक है । निदेशक महोदय ने अपने सम्बोधन में कहा कि उच्च शिक्षा जन मानस को उपलब्ध कराने हेतु इन्दिरा गाॅंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) विगत 30 वर्षो से प्रयासरत है। यह विश्वविद्यालय के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज इग्नू केवल भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी रह रहे लोगों की शैक्षिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने हेतु प्रयासरत है । अतः इग्नू द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर व्यक्ति अपने कौशल का विकास एवं ज्ञानवर्धन कर सकता है। साथ ही व्यस्त रहकर व्यक्ति अपने तनाव एवं चिन्ता से बचाव कर सकता है। श्री भानु प्रताप सिंह ने सभी अधिकारियो एवं कर्मचारियों को अपनी रूचि के अनुसार इग्नू के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर अपने कौशल एवं ज्ञानवर्धन हेतु प्रोत्साहित किया।
डाॅ. मनोरमा सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ ने अपने सम्बोधन में बताया कि इग्नू की स्थापना भारत में दूर शिक्षा को प्रोत्साहित करने, आयु, क्षेत्र, धर्म और लिंग पर विचार किये बिना शिक्षा पाने के आतुर लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से की गयी। इग्नू सन् 1999 कामनवेल्थ आफ लर्निंग द्वारा दूर शिक्षा सामग्री के लिये उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। युनेस्को ने सन् 2010 में इग्नू को विश्व में उच्च शिक्षा का सबसे बड़ा संस्थान घोषित किया। डाॅ. सिंह ने बताया कि इग्नू के माध्यम से दूर-दराज के गांवों में रह रहे नवयुवको को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर अपने कौशल का विकास करने का एक सुनहरा अवसर मिला है और महिलाएं अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं विकलांग लोग जो किन्ही कारणों से अपनी शिक्षा को पूर्ण नहीं कर पाये हैं उनको इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इग्नू द्वारा संचालित प्रमुख कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों में मानवाधिकार में प्रमाण पत्र, साइबर लाॅ में स्नातकोत्तर प्रमाण पत्र, भोजन एवं पोषण में प्रमाण पत्र, आपदा प्रबन्धन में प्रमाण पत्र, अंग्रेजी शिक्षण में प्रमाण पत्र, कार्यकारी अंग्रेजी भाषा में प्रमाण पत्र, मार्गदर्षन में प्रमाण पत्र मूल्य शिक्षा में प्रमाण पत्र पर्यावरण अध्ययन में प्रमाण पत्र, पर्यटन अध्ययन में प्रमाण पत्र, सूचना प्रौद्योगिकी में प्रमाण पत्र पोषण एवं बाल देखभाल में प्रमाण पत्र उपभोक्ता संरक्षण में प्रमाण पत्र, मानव तस्करी रोकथाम में प्रमाण पत्र। विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन सुनिश्चित करने हेतु परामर्श कक्षाओं का संचालन करने के साथ-साथ उन्हें रोजगार प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की सहायता मुख्यालय एवं क्षेत्रीय केन्द्र स्तर पर प्रदान करता है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्लेसमेंट सर्विसेज नामक एक लिंक है जिसपर अगर इग्नू का विद्यार्थी अपना बायोडाटा प्रेषित करता है तो विश्वविद्यालय उसे उसकी योग्यतानुसार रोजगार दिलाने का प्रयास करता है। डाॅ. सिंह ने यह भी बताया कि इग्नू के पाठ्यक्रम रोजगार मूलक है एवं विद्यार्थियों के कौशल का विकास करने में सहायक है और यह सभी पाठ्यक्रम भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के सभी सदस्य संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है और सभी भारतीय विश्वविद्यालयों/मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों, संस्थानों की उपाधियों/डिप्लोमा/ प्रमाण पत्रों के समतुल्य है।
डा. रीना कुमारी, सहायक क्षेत्रीय निदेशक, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ ने अपने सम्बोधन के दौरान बताया कि इन्दिरा गाॅंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की महत्वपूर्ण विशेषता इसके लचीले प्रवेश नियम, अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार, कार्यक्रमों के माड्यूलर उपागम एवं आधुनिक शिक्षा पद्धति के द्वारा शिक्षा प्रदान करना है। डा. रीना ने यह भी बताया कि वर्तमान समय में इग्नू द्वारा 226 पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है जिसमें न्यूनतम एवं अधिकतम अवधि निर्धारित है। जून और दिसम्बर माह में सत्रांत परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है साथ ही यह भी बताया कि सत्रांत परीक्षा में बैठने से पूर्व निश्चित समयावधि के भीतर विद्यार्थियों को अपने सत्रीय कार्य को अपने अध्ययन केन्द्र पर जमा करना अनिवार्य होता है। सत्रीय कार्य किसी भी पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए आवष्यक है तथा सत्रीय कार्य सम्बन्धी प्रष्नपत्र को इग्नू की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। सत्रीय कार्य का भार 25 से 30 प्रतिषत के बीच होता है। डाॅ0 रीना कुमारी ने यह भी बताया कि जिन व्यक्तियों ने कोई औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं की है और न्यूनतम आयु 18 वर्ष है तो ऐसे व्यक्ति उच्च शिक्षा से जुड़ने की चाह रखते हैं तो वह इग्नू द्वारा संचालित बी0पी0पी0 (बैचलर प्रिपेटरी प्रोग्राम) में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। छः माह के बी0पी0पी0 पाठ्यक्रम को पूरा कर विद्यार्थी इग्नू द्वारा संचालित बी0ए0/बी0काॅम एवं अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर अपना भविष्य संवार सकते हैं।
श्री अंशुमान उपाध्याय, सहायक क्षेत्रीय निदेशक ने बताया किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु शिक्षार्थी को रू0 200/- प्रदान कर क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ अथवा इसके अध्ययन केन्द्रों से सामान्य विवरणिका प्राप्त की जा सकती है। साथ ही प्रवेश फार्म भर कर वांछनीय फीस का डिमाण्ड ड्राफ्ट एवं सम्बन्धित दस्तावेज के साथ इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र पर जमा करना होता है। इग्नू की महत्वपूर्ण विशेषता है, जब चाहो तब प्रवेश पाओ। विद्यार्थी वर्ष भर कभी भी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। इग्नू के द्वारा दो सत्रों (जनवरी एवं जुलाई सत्र)का आयोजन किया जाता है। प्रवेश हेतु किसी प्रकार के टी0सी0 अथवा माईग्रेसन की आवश्यकता नहीं होती है। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र लखनऊ शिक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान फोन, ई-मेल, एस0एम0एस के माध्यम से करता है। समय समय पर कैरियर काउन्सलिंग, प्री-एडमिशन काउन्सलिंग सुविधा भी प्रदान की जाती है।
सम्बोधन के अन्त में प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान प्रतिभागियांे द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर क्षेत्रीय निदेशक, डा. मनोरमा सिंह एवं सहायक क्षेत्रीय निदेशक, श्री अंशुमान उपाध्याय एवं डा. कीर्ति विक्रम सिंह द्वारा दिये गये।
कार्यक्रम का संचालन डा. रीना कुमारी, सहायक क्षेत्रीय निदेशक, द्वारा किया गया।
इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक श्री अरूण दीक्षित एवं श्री लाल भरत पाल जी उपस्थित थे। इस अवसर पर उ0 प्र0 सतर्कता अधिष्ठान के कार्यरत् अधिकारी/कर्मचारी एवं मीडियाकर्मी भी उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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