समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री एवं समाजवादी सरकार की प्राथमिकता में गांव और किसान रहे है। कृषकों के हित में पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह जी की अर्थ नीति का पालन हो रहा है। चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा है। श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में गन्ना किसानों को सर्वाधिक भुगतान किया गया। श्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में 280 रूपए प्रति कुंतल का भाव दिया। अगैती प्रजातियों के गन्ना के लिए 290 रूपए कुंतल का परामर्शित मूल्य दिया गया। मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2015-16 को ‘‘किसान वर्ष’’ घोषित किया और 75 प्रतिशत बजट कृषि क्षेत्र के लिये दिया। स्मरणीय है, चैधरी चरण सिंह ने केन्द्रीय वित्तमंत्री के रूप में और श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में बजट में 70 प्रतिशत राशि कृषि और किसानों के लिए रखी थी।
जो समाजवादी सरकार किसानों की है और हर तरह से किसानों के हित के लिए तत्पर है, उसकी खिलाफत करते हुए कुछ तत्व किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे है। गन्ना किसानों को सही स्थिति बताने के बजाय उन्हें भ्रमित करने में लगे है। इस तरह वह न तो प्रदेश का भला कर रहे हैं और नहीं किसानों का। गन्ना किसानों की तकलीफों के प्रति मुख्यमंत्री जी की संवेदनशीलता जगजाहिर है। समाजवादी सरकार के विरूद्ध आंदोलन, प्रदर्शन और कुप्रचार करने का कोई औचित्य नहीं है।
सच तो यह है कि वर्तमान पेराई सत्र 2015-16 में 230Û00 रूपए प्रति कुंतल की दर से 14 दिन पूर्व की अवधि तक देय गन्ना मूल्य 6441Û47 करोड़ रूपए है। इसके सापेक्ष 01 फरवरी,2016 तक 3502Û69 करोड़ रूपए का भुगतान हो चुका है। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूसरी किश्त का पेराई की समाप्ति की तिथि से 3 माह के अंदर पूर्ण रूप से गन्ना मूल्य का भुगतान हो जाएगा। जो मिलेें इस व्यवस्था के विपरीत जाएगी उन पर गन्ना मूल्य भुगतान हेतु शेष धनराशि पर भी विधि सम्मत ब्याज बकाया गन्ना मूल्य में जोड़ दिया जाएगा।
जो लोग गन्ना किसानों को भ्रमित कर रहे है उन्हें यह जानना चाहिए कि गत सत्र 2014-15 के लिए निजी क्षेत्र की 73, सहकारी क्षेत्र की 23 गैर निगम क्षेत्र की 01 कुल 97 चीनी मिलों द्वारा शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। कुल चीनी मिलें 157 हैं जिनमें से पेराई सत्र 2015-16 में 116 संचालित है। राज्य सरकार कृषकों का देय गन्ना मूल्य शत प्रतिशत भुगतान कराए जाने हेतु कटिबद्ध है।
गन्ना किसानों को आंदोलन के बहाने बहकाने वाले कथित किसान नेता यह क्यों भूलते है कि आज गन्ना किसान परेशान हैं तो उसके लिए केन्द्र में यूपीए की कांग्रेस और भाजपा नेतृत्व वाली एन0डी0ए0 सरकारों की गलत नीतियाँ जिम्मेदार है। गन्ना किसानों के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा। केन्द्र का रवैया असंतोषजनक रहा। स्वयं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बंद चीनी मिलों को श्ुारू कराया और भुगतान के संबंध में हर सम्भव प्रयास किए। उनके प्रयासों के फलस्वरूप ही प्रदेश में गन्ना किसान आज संकट से उबरे हैं और उनके हित संरक्षित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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