सम्पूर्ण विश्व में गरीबों और समाज के निचले वर्ग के लोगों के लिए, श्रमिकों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की योजना‘मनरेगा’ जैसा कानून कहीं नहीं हैं। पूर्ववर्ती केन्द्र की यूपीए सरकार ने यह कानून बनाकर श्रमिकों को रोजगार के अधिकार की गारंटी देकर विश्व में मिशाल कायम की है। यह एक ऐसी योजना है जिसमंे श्रमिकों के लिए न्यूनतम आय की भी गारंटी दी गयी। बजट में इस योजना के लिए प्राविधान किया गया। श्रमिकों को उनके काम के घंटे के हिसाब से मजदूरी निर्धारित की गयी, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण हो सके तथा वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। इतना ही नहीं बैंकों के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गयी। उन्होने कहा कि जिस प्रकार पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 40हजार करोड़ रूपये का बजट बनाकर देश में गांव के गरीबों और काम करने वालों के लिए व्यवस्था की गयी वह ऐतिहासिक कदम था। गांवों से श्रमिक रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों में पलायन कर रहे थे इस कानून से इस स्थिति का उन्मूलन हुआ तथा गांवों की अर्थव्यवस्था पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा। लाखों की संख्या में श्रमिकों को रोजगार मिला। किन्तु आज केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ जहां इस योजना की तारीफ करती है वहीं मनरेगा को बंद करने के लिए षडयंत्र रच रही है, जिसको कांग्रेसजनों को बेनकाब करना है तथा अपने-अपने जिलों में, ब्लाकों में, गांवों में मनरेगा में श्रमिकों को काम मिले, उनकी मजदूरी मिले इसके लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है। उक्त उद्गार अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री मधुसूदन मिस्त्री, सांसद ने आज मनरेगा कानून के लागू होने के दस वर्ष पूरे होने पर आयोजित मनरेगा सम्मेलन में व्यक्त किया। उन्होने कहा कि मनरेगा की मानीटरिंग करना हम सभी कांग्रेसजनों का दायित्व है,ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके।
कंाग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गंाधी जी की मंशा के अनुरूप पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की गरीबों और श्रमिकों को वर्ष में कम से कम सौ दिन के रोजगार देने की गारण्टी देने की जनकल्याणकारी महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के दस वर्ष पूरे होने पर उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी मुख्यालय में आज ‘मनरेगा सम्मेलन’ प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के जिलों-जिलों के प्रदेश कंाग्रेस मनरेगा निगरानी समिति के पूर्व प्रभारियों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का संचालन प्रदेश कंाग्रेस के महासचिव श्री ओंकार नाथ सिंह ने किया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री ने कहा कि जिस प्रकार जिलों-जिलों से इतनी बड़ी संख्या में मनरेगा से जुड़े हुए प्रतिनिधि आये हैं उससे यह साफ होता है कि इस योजना के प्रति आप लोगों में कितनी चाहत है। उन्होने कहा कि अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव श्री मधुसूदन मिस्त्री जी इस सम्मेलन में आये हैं इससे यह साफ होता है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व मनरेगा के प्रति संजीदा है। उन्होने कहा कि देश में कुछ योजनाएं जनकल्याण के लिए बनती हैं जिनमें धनराशि का आवंटन होता है और उस राशि के समाप्त होने पर योजना बंद हो जाती है किन्तु यूपीए सरकार ने मनरेगा कानून बनाकर श्रमिकों और गरीबों को रोजगार का अधिकार प्रदान किया था। यह कानून समाज के सबसे निचले स्तर के विकास के लिए लागू किया गया था। उन्होने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार इस पर कुठाराघात कर रही है और प्रदेश की अखिलेश सरकार शुरू से ही इस पर कुठाराघात करके श्रमिकों से उनका अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कंाग्रेस के संगठन मंत्री एवं मनरेगा निगरानी समिति के पूर्व चेयरमैन संजय दीक्षित ने कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा बनाये गये रोजगार गारंटी कानून पर प्रकाश डालते हुए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा को समाप्त करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन में अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के सहप्रभारी सचिव श्री प्रकाश जोशी, पूर्व मंत्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री श्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व मंत्री श्री राजबहादुर, पूर्व एमएलसी श्री हरीश बाजपेयी, श्री गणेश शंकर पाण्डेय, सुश्री अनुसुइया शर्मा, श्री वीरेन्द्र मदान, श्री द्विजेन्द्र त्रिपाठी, श्री मारूफ खान, श्री प्रमोद सिंह, चै0. सत्यवीर सिंह, श्री संजीव सिंह, श्री विनोद मिश्रा, श्री शिव पाण्डेय, श्री एसजेएस मक्कड़, शहर अध्यक्ष श्री बोधलाल शुक्ला एडवोकेट, जिलाध्यक्ष श्री गौरव चैधरी, श्री विजय बहादुर, डा0 जियाराम वर्मा, श्री अरशी रजा सहित वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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