उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कड़े निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने हेतु जेलों में बंद कैदियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को संयुक्त रूप से अभियान चलाकर उनके द्वारा प्रत्येक माह में कम से कम एक बार जेल का संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण अवश्य किया जाये। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद कैदियों द्वारा मोबाइल प्रयोग किये जाने की प्राप्त शिकायतों पर अंकुश लगाने हेतु प्रदेश के 10 संवेदनशील कारागारों - केन्द्रीय कारागार नैनी, जिला कारागार लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, सुल्तानपुर में जैमर आगामी एक माह के अन्दर अवश्य लगवा दिये जायें। उन्होंने कहा कि कारागारों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने हेतु प्रदेश के 23 कारागारों में सी0सी0टी0वी0 सर्विलांस इकाइयों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल में दी गयी व्यवस्था के अनुसार दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु कड़े कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा कि जेल में बंद कैदियों को अपने परिवार से अथवा अपने अधिवक्ता से बात करने हेतु पी0सी0ओ0 लगवाये जाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कड़े निर्देश दिये कि जेल में बंद कैदियों के अवांछनीय कार्यों में मदद करने वाले कारागार कर्मियों एवं अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पण्डा, प्रमुख सचिव कारागार श्री आर0के0तिवारी, पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद, अपर पुलिस महानिदेशक कारागार श्री डी0एस0चैहान एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के कारागारों में बंद खूँखार अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाये। उन्होंने कहा कि कैदियों से मिलने वाले मुलाकातियों की विस्तृत जानकारी रखने हेतु डिजिटल पास की व्यवस्था कारागारों में सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि कारागारों में सिविल पुलिस के अतिरिक्त पी0ए0सी0 के जवान तैनात किये जायें, ताकि कैदियों को किसी भी प्रकार अवांछनीय सुविधा कतई बाहर से कारागारों में न जाने पाये।
श्री रंजन ने कहा कि बन्दियों के रिमाण्ड की कार्यवाही वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कराने हेतु प्रदेश के 14 न्यायालयों एवं कारागारों-लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, बरेली, मुजफ्फरनगर, रामपुर, आगरा, फैजाबाद, सहारनपुर तथा प्रतापगढ़ में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग सुविधा क्रियाशील हो जाने के उपरान्त अवशेष 06 जनपद न्यायालयों -अमेठी, अमरोहा, हापुड़, संभल, शामली, चन्दौली तथा 08 कारागारों-आदर्श कारागार लखनऊ, नारी बन्दी निकेतन लखनऊ, केन्दीय कारागार बरेली, वाराणसी, फतेहगढ़, आगरा, सोनभद्र, किशोर सदन बरेली में उपकरणों की स्थापना यथाशीघ्र कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश के 55 न्यायालयों एवं 46 कारागारों में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग हेतु उपकरणों की आपूर्ति हो जाने के फलस्वरूप वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से रिमाण्ड की कार्यवाही का कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिन 08 न्यायालयों में कासगंज, बलिया, चन्दौली, अमेठी, हाथरस, संभल, शामली, रामपुर में भूमि उपलब्ध अभी तक नहीं हुई है, वहां यथाशीघ्र आवश्यक भूमि अथवा स्थान उपलब्ध कराकर वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कक्ष का निर्माण कराया जाना प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि जेल में बंद कैदियों के परिवार जनों को मिलने की सुगम व्यवस्था व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु आॅनलाइन अनुरोध करने की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाये, ताकि कैदियों के पारिवारिक सदस्य निर्धारित तिथि एवं समय पर जेल में जाकर कैदियों से सुगमता से भेंट कर सकें।
प्रमुख सचिव कारागार श्री आर0के0तिवारी ने बताया कि वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कक्ष का निर्माण 31 जनवरी तक 07 न्यायालयों में, 29 फरवरी तक 10 जनपद न्यायालयांे में एवं 30 अप्रैल तक 14 जनपद न्यायालयों में कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कारागार नैनी, जिला कारागार मिर्जापुर, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, मेरठ गाजि़याबाद, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर में निर्मित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कक्ष क्रियाशील हो जाने के फलस्वरूप 05 कारागारों-रामपुर, आगरा, फैजाबाद, सहारनपुर, प्रतापगढ़ के वैकल्पिक कक्षों में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग का कार्य प्रारम्भ करा दिया जाये। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 02 कारागारों में 31 जनवरी तक तथा 10 कारागारों में 29 फरवरी तक तथा 04 कारागारों में 29 अप्रैल तक वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कक्ष का निर्माण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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