भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं को समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के भ्रष्टाचार का घुन चट करने में लगा है ताकि इससे अगले चुनाव में खर्च किया जा सके। पंचायत चुनाव में सपा नेताओं ने जिस तरह से बेहिसाब धन खर्च किया है उससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचारियों के लिए लूट का साधन बन चुकी हैं।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि गरीबों को जाड़े में बांटे जाने के लिए लखनऊ, अमेठी समेत एक दर्जन से अधिक जिलों ने कंबल नहीं खरीदे और जहां खरीद भी हुई वहां पर जमकर धांधली भी हुई है। फतेहपुर जिले में मुफ्त बांटे जाने वाले ये कंबल बाजार में बिकते मिले हैं। इन कंबलों की खरीद पंचायती राज विभाग ने की थी। इससे यह साफ जाहिर होता है कि गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं किस तरह भ्रष्ट अधिकारियों और माफियाओं के गठजोड़ की भेंट चढ़ गई हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इससे पहले समाजवादी पेंशन योजना में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है लेकिन सपा सरकार ने एक भी दोषी अधिकारी पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार की सहायता वाली योजना कौशल विकास मिशन में भी सपा के भ्रष्टाचार ने अपनी सेंध लगा दी है। इस मिशन में छात्र-छात्राओं को नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं। बदले में इन छात्र-छात्राओं से रकम वसूली जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मेरठ जिले में कई छात्र-छात्राओं ने इसकी शिकायत कर पूरे मामले का भंडाफोड़ किया है। शिकायत मिलने के बाद भी सरकार ने अब तक किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं की है। इससे ही स्पष्ट हो जाता है कि गरीबों युवाओं की हितैषी होने का दावा करने वाली सपा के नेता अधिकारियों के साथ मिलकर असल में इनके हिस्से के धन पर कब्जा कर अपना खजाना भर रहे हैं। पंचायत चुनाव में जिस तरह से सपा नेताओं ने धन खर्च किया है वह गरीबों, किसानों, युवाओं के नाम पर शुरू की गई योजनाओं का ही पैसा है जिसे भ्रष्टाचार के जरिए नेताओं तक पहुंचाया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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