मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उन्हें आगामी 11 जनवरी को अपने जनपद के ब्लाॅक स्तर तक के सभी सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर मातृत्व सप्ताह के आयोजन हेतु रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि इस समस्त अभियान को संचालित करने हेतु जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कण्ट्रोल रूप स्थापित किया जाये। उन्होंने कहा कि मातृत्व सप्ताह का आयोजन मुख्यतः ए0एन0एम0 उपकेन्द्र के अन्तर्गत आने वाले गांवों में ए0एन0एम0 व आशा के सहयोग से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की सूची मातृत्व सप्ताह से 07 दिन पूर्व आशा व आंगनबाड़ी केन्द्रों को बनानी होगी। उन्होंने कहा कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री को आपसी समन्वय स्थापित कर अद्यतन टैलीशीट 20 जनवरी तक ए0एन0एम0 के माध्यम से ब्लाॅक स्तर पर भेजना सुनिश्चित करना होगा, इस हेतु प्रत्येक दशा 15 जनवरी तक सभी ब्लाॅकों पर ए0एन0एम0, आशा व आंगनबाड़ी केन्द्रों को टैलीशीट उपलब्ध करा दी जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित दिवस पर सत्र स्थल पर गर्भवती महिलाओं की समस्त जांचों हेतु बैठाने, लिटाने एवं निजता सम्बन्धी सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित कराने का दायित्व स्वास्थ्य विभाग का होगा और इसे सफल बनाने में आई0सी0डी0एस0 व पंचायती राज विभाग पूर्ण सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने तथा व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित कराने हेतु जिलाधिकारियों को आई0सी0डी0एस0, पंचायती राज तथा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभागों के सहयोग से विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
श्री रंजन ने यह निर्देश प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दियें। उन्होंने कहा कि मातृत्व सप्ताह के पूर्व जिला प्रशासन को ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, नोडल अधिकारी पर्यवेक्षकों व ब्लाॅक मेडिकल आॅफिसर पर्यवेक्षकों तथा बाल विकास विभाग से इतर अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशिक्षण कराना होगा। उन्होंने कहा कि आगामी 05 फरवरी को चिन्हित सभी जटिलता वाली गर्भवती महिलाओं को ब्लाॅक चिकित्सा इकाइयों एवं जिला महिला/संयुक्त चिकित्सालयों पर लेकर आने का उत्तरदायित्व आशा का होगा और इस कार्य में सहयोग हेतु सभी ए0एन0एम0 को अपने ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मातृत्व सप्ताह का अनुश्रवण दो स्तर पर किये जायेगा प्रथम विभागीय अनुश्रवण स्वास्थ्य विभाग द्वारा आई0सी0डी0एस0 के सहयोग से तथा द्वितीय वाह्य अनुश्रवण जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक ब्लाॅक में नामित दो नोडल अधिकारियों द्वारा किया जायेगा।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि मातृत्व सप्ताह को सफल बनाने हेतु प्रत्येक ब्लाॅक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से 04 मेडिकल आॅफिसर और ब्लाॅक/अतिरिक्त/नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से 01 मेडिकल आॅफिसर अर्थात कुल 05 मेडिकल आफिसर पर्यवेक्षक के रूप में नामित किये जायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लाॅक में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा ब्लाॅक के 25 उपकेन्द्रों को 05 कलस्टरों में विभाजित करते हुये प्रत्येक क्लस्टर पर एक मेडिकल आॅफिसर को पर्यवेक्षक बनाया जाये। उन्होंने कहा कि हर पर्यवेक्षक मेडिकल आॅफिसर के साथ टीम बनाते हुये मुख्य सेविका को जोड़ा जाये, ताकि दोनों विभागों का गतिविधि में योगदान के साथ-साथ अनुश्रवण में गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने टीम को मातृत्व सप्ताह के आठों दिन अलग-अलग स्थलों का अनुश्रवण करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लाॅक स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तरीय नोडल अधिकारियों को नामित किया जाये। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को प्रत्येक दिन एक ब्लाॅक में से किन्हीं 05 स्थलों का अनुश्रवण करते हुये सूचना जिलाधिकारी को सौंपनी होगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि मातृत्व सप्ताह के दौरान प्रत्येक दिन प्रातः 09 बजे से सायं 04 बजे तक ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस के स्थल/आंगनबाड़ी केन्द्र पर सभी गर्भवती महिलाओं की जांच की जायेगी। उन्होंने कहा कि मातृत्व सप्ताह में अधिक से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जाये, ताकि सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण की जांच कर, उन्हें स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करायी जा सकें।
श्री रंजन ने कहा कि जटिलता से ग्रसित महिलाओं की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ निरन्तर संपर्क स्थापित कर सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने प्रत्येक ब्लाॅक चिकित्सा इकाइयों एवं जिला महिला/संयुक्त चिकित्सालयों पर चिन्हित हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी वाली महिलाओं की क्लीनिक संचालित किये जाने के निर्देश देते हुये कहा कि क्लीनिक में चिन्हित हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी वाली महिलाओं को उपचार प्रदान किया जाये। उन्होंने कहा कि मातृत्व सप्ताह के प्रत्येक दिवस पर हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी वाली महिलाओं की सही तरह से पहचान कर 05 फरवरी, 2016 को उन्हें क्षेत्र की ब्लाॅक चिकित्सा इकाइयों अथवा जिला महिला/संयुक्त चिकित्सालयों पर हाई रिस्क क्लीनिक पर जांच व उपचार हेतु सन्दर्भित किया जाये।
मुख्य सचिव ने मातृत्व सप्ताह के पश्चात प्रत्येक ब्लाॅक में चिकित्सा प्रभारी द्वारा कुल गर्भवती महिलाओं, जिनकी जांच की गई तथा कुल हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी वाली महिलाओं की सूची को संकलित कर सूचना जनपद स्तर को प्रेषित करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपकेन्द्र पर ए0एन0एम0 द्वारा गर्भवती महिलाओं की समस्त सूचना आर0सी0एच0 रजिस्टर में अंकित करते हुये महिलाओं की जांच प्रत्येक माह कराते हुये रजिस्टर को अद्यतन रखा जाये। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आगामी माहों में नयी गर्भवती महिलाओं की सूचना को भी इसी रजिस्टर में दर्ज कराया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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