जिला मैजिस्टेªेट श्री राज शेखर ने नव वर्ष की पूर्व संघ्या पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में विभिन्न संस्थाओं/व्यक्तियों द्वारा लोकशान्ति व लोक व्यवस्था भंग किये जाने की आशंका को रोकने तथा कार्यक्रमों में व्यवस्था भंग होने से बचाने के उद्देश्य से दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रतिबन्धात्मक आदेश पारित किये है।
जिला मैजिस्टेªेट श्री राज शेखर ने कहा है कि नव-वर्ष की पूर्व संध्या पर लखनऊ जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न संस्थाओं, फार्म हाउसों, क्लबों, होटलों, रिसार्टस में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे जिनमे देर रात्रि तक लोगों की भीड़ एकत्र रहती है, इन कार्यक्रमों में कतिपय कार्यक्रम प्रशासन की बिना अनुमति के आयोजित किये जा सकते है तथा निर्देशों के विपरीत देर रात्रि तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है एवं मद्यपान कर विवाद-झगडा आदि कर शांति व्यवस्था, लोक व्यवस्था व लोकशान्ति भंग करने का प्रयास किया जा सकता है।
उन्होने बताया कि नव वर्ष की पूर्व संघ्या पर जिला मैजिस्टेªेट/अपर जिलाधिकारी (नगर पूर्वी, परिचमी, टी0जी0, प्रशासन)/ क्षेत्रीय मैजिस्टेªेट की अनुमति के बिना किसी भी व्यक्ति/संस्था द्वारा ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया जायेगा, जिसनमे सम्मिलित होने वालों की संख्या 50 से अधिक हो, किसी भी संस्था, फार्म हाउस, क्लब, होटल, रिसोर्ट के स्वामी, प्रबन्धक, कार्यकता आदि के द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से नियम विरूद्ध मद्यपान को प्रोत्साहन, अश्लीलता का प्रदर्शन व प्रोत्साहन एवं उसमे सहयोग, किसी भी कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से अश्लीलता का प्रदर्शन, नियमों के विरूद्ध सार्वजनिक स्थल पर न तो मद्यपान किया जायेगा और नहीं मद्यपान कर वाहन चलाया जायेगा।
श्री राज शेखर ने कहा कि नववर्ष की पूर्व संध्या पर किसी भी व्यक्ति द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट, दो पहिया वाहनों पर दो से अधिक सवारी बैइने/बैठाने मोटर वाहनों पर निर्धारित संख्या से अधिक सवारी बैठाने, वाहन की गति 45 किमी प्रति घंटा से कम रखे जाने आदि यातायात नियमों का उल्लंघन नही किया जायेगा, कोई भी व्यक्ति शस्त्र लेकर न तो चलेगा और न ही शस्त्र प्रदर्शन करेगा,रात्रि 10.00 बजे बाद किसी भी दशा में ध्वनि वर्धक यंत्र का प्रयोग नही किया जायेगा, प्रत्येक दशा में सभी आयोजन 12.30 बजे रात्रि के पूर्व समाप्त कर लिए जायेंगे। उन्होने कहा कि लोक व्यवस्था व लोक शान्ति बनाये रखने के हित में अपरिहार्यता एवं समयाभाव के दृष्टिगत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। उक्त आदेश का उल्लघंन करने पर सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध धारा-188 भा0द0वि0 के अधीन कार्यवाही की जायेगी। शस्त्र धारण न किये जाने सम्बन्धी आदेश प्रशासकीय मैजिस्टेªट/ पुलिस एवं समस्त बलों के अधिकारियों/कर्मचारियों पर प्रभावी नही होगा। उन्होनेन बताया कि यह आदेश 31 दिसम्बर 2015 से 01 जनवरी 2016 तक प्रभावी रहेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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