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गंगा नदी के 200 मीटर की परिधि में रहने वालो को वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भेजी जा रही नोटिस

Posted on 02 January 2016 by admin

गंगा नदी के 200 मीटर की परिधि में रहने वालो को वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भेजी जा रही नोटिसए तोड़फोड़ आदि से ट्रस्ट होकर आज प्रभावित लोगों औत साझा संस्कृति मंच से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंडलायुक्त श्री नितिन रमेश गोकर्ण से मिला और उन्हें मामले में ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में निवेदन किया गया है कि  28 दिसम्बरए 2015 को मनीष अग्रवाल द्वारा आत्मदाह के प्रयास के संदर्भ में हम नगवां में रहने वाले 105 परिवारों को वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने घर हटाए जाने का जो कारण बताओ नोटिस दिया गया है उससे हम भी मनीष अग्रवाल जैसे मानसिक परिस्थिति से ही गुजर रहे हैं। इस सम्बंध में हमें निम्नलिखित कहना हैः

1ण्    कौटिल्य सोसाइटी बनाम उण्प्रण् सरकार मामले में अस्सी घाट से लेकर राजघाट को ही हेरिटेज जोन माना गया है जबकि हमारे घर इस जोन से बाहर हैं।

2ण्    अस्सी घाट से सामने घाट के बीच 200 मीटर की परिधि में मकानों का जो
सर्वेक्षण हुआ है उसमें सिर्फ 105 घरों को ही क्यों लिया गया है जबकि यहां
लगभग 4000.5000 घर हैं। घाटवार ;सामनेघाटए नगवांए अस्सीए दशाश्वमेधए राजघाटद्ध
के ठीक पीछे 200 मीटर क्षेत्र की नापीध्सीमांकन लम्बाई.चौड़ाई के आंकड़े में
पूर्ण क्षेत्रफल में स्पष्ट हो। इस क्षेत्र में आने वाले हरेक निर्माण को
नोटिस मिलनी चाहिए।

3ण्     1998 के बाद से 200 मीटर की परिधि में जो भी आवासीयए गेस्ट हाऊस एवं
व्यवसायिक निर्माण हुए उसके नक्शे पास कैसे हुए और इसके लिए कौन दोषी हैघ् जिन
परिवारों को नोटिस दी गई है उसमें से कुछ दशकों से रहे हैं। उन्हें अभी इतने
वर्षों बाद नोटिस दिय जाने का क्या औचित्य हैघ् नक्शा नियमित न पाए जाने की
स्थिति में सर्वप्रथम क्षेत्र के जेण्ईण्ध्इंस्पेक्टर पर कार्यवाही सुनिश्चित हो।

4ण्    1998 के बाद से जिन भूमि पर भवनों के नक्शे नहीं पास हुए उनका पंजीकरणए
दाखिल.खारिजए नगर महापालिका से भवन संख्या का आवंटनए पानीए बिजलीए सीवर
कनेक्शनए सड़कों की अनुमति रोकने के लिए सम्बंधित विभागों को वाराणसी विकास
प्राधिकरण द्वारा आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई गईघ्

5ण्    हमारे घरों को हटाने का विचार किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है। अतः
हमारे प्रति सहानुभूति रखते हुए हमारे घरों का नियमितिकरण किया जाए। जर्जर
मकानों को मरम्मत हेतु छूट दी जाए।

6ण्    हेरिटेज के सौंदर्य को अप्रभावित करते हुए निर्माण के विकल्प पर विचार
किया जाए।

ज्ञापन स्वीकारते हुए मंडलायुक्त महोदय ने प्रतिनिधिमंल की बात सहृदयता पूर्वक
सुनी साथ ही न्यायालय के आदेश के अनुपालन हेतु प्रशासन की बाध्यता जताते हुए
कहा कि आदेश के दायरे में किसी के साथ अन्याय न हो यह सुनिश्चित किया जाएगाण्

प्रतिनिधिमंडल में चिंतामणि सेठए अनूप कुमार श्रमिकए धनञ्जय त्रिपाठीए
प्रेमनाथ  सोनकरए वल्लभाचार्य पाण्डेय और ण्रामसेवक तिवारी शामिल रहेण्

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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