समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि अपने कारनामों से सत्ता गंवाकर बसपा बुरी तरह बौखला गई है। सच्चाई है कि जनता ने समाजवादी पार्टी को सत्ता सौंपी। यह बसपा नेतृत्व को पच नही रहा है। इसलिए अनर्गल बयानबाजी करके वे अपनी भड़ास निकालते हैं। बसपा अध्यक्ष का संविधान ज्ञान तो इतना है कि वे मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के शपथग्रहण के दिन से ही प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग करने लगी थी। आज भी जब वे अपनी प्रेस कांफ्रेस करती हैं तो वही राग अलापने लगती है। देखादेखी उनके पार्टी के दूसरे नेता भी वही बानी बोलने लगते हैं। बहुमत का जनादेश पाकर समाजवादी सरकार बनी है उसके प्रति ऐसी मानसिकता का प्रदर्शन प्रदेश की 22 करोड़ जनता का अपमान है।
बसपा के एक नेता को समाजवादी पार्टी सरकार दलित विरोधी और भाजपा से मेल भी दिखाई देता है। यह उनका दृष्टिदोष है क्योंकि वें स्वयं जानते हैं कि समाजवादी पार्टी और बसपा दोनों के चरित्र और आचरण कैसे हैं। समाजवादी पार्टी कथनी-करनी में भेद नही करती है। बसपा की कथनी-करनी में जमीन आसमान का अंतर है। समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में गाँव गरीब और किसान है तो बसपा राजनीति सिर्फ उगाही का खेल हैं।
यह हकीकत तो बसपा नेताओ को भलीभांति मालूम है कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा समाज के उपेक्षित और वंचित समाज की भलाई के काम किए हैं। जब श्री मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उन्होंने अम्बेडकर महासभा को कार्यालय दिया था, 10 हजार अम्बेडकरनगर गाँवो की योजना कार्यान्वित की थी और विधानसभा मार्ग का नाम भी अम्बेडकर जी के नाम पर रखा था। श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में समाजवादी सरकार में दलित समाज के उत्थान के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति तथा फीस प्रतिपूर्ति के लिए समाजवादी सरकार ने वर्ष 2015-16 के बजट में 2100 करोड़ रुपये रखे हैं। आसरा योजना के अन्तर्गत 300 करोड़ रुपये रखे गये है जिसमें लगभग 8,000 आवासहीन परिवारों को लाभ मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रो में भूमिहीन परिवारों को बीमा योजना का लाभ दिया गया है। समाजवादी पंेशन योजना से 45 लाख से ज्यादा गरीब लाभान्वित होंगे। इन तमाम योजनाओं में दलित शामिल है।
समाजवादी सरकार मलिन बस्तियों के सुधार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब के लिए बत्ती, पंखा एवं अन्य घरेलू उपकरण चलाए जाने हेतु सोलर पावर पैक उपलब्ध करा रही है। गाँवो में भी सफाई कर्मियों की नियुक्ति होने वाली है। गरीब परिवारों को कैंसर, किडनी, लीवर, दिल की बीमारी आदि में मुफ्त चिकित्सा सुविधायें मिल रही है। अस्पतालों में एक रुपये के पर्चे पर दवांए मुफ्त मिलती है। दलित बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ पुस्तके, यूनीफार्म भी दिये जाते है।
प्रदेश की जनता के सामने बसपा शासनकाल का भी रिकार्ड है। मुख्यमंत्री के दरवाजे तो क्या उनके आवास की सड़क के आसपास तक कोई दलित महिला या पुरुष नही फटक सकता था। दलित किशोरियों की हत्या और उनके साथ बलात्कार में बसपा विधायक और मंत्री ही दोषी पाए गए। यह भी छुपा नही है कि बसपा की सरकार को भाजपा का सहयोग मिलता रहा है और खुद बसपा अध्यक्ष गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी के पक्ष में प्रचार करने गई थी। जिस बसपा के दामन पर इतने दाग हों उसे समाजवादी सरकार पर आक्षेप करने का नैतिक और राजनैतिक अधिकार कैसे हो सकता है ?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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