आकांक्षा समिति की प्रदेश अध्यक्षा एवं समाज सेविका श्रीमती सुरभि रंजन ने कहा कि श्री रामचरित मानस को सुनना बड़ी बात नहीं उनकी कथा के आदर्शो को जीवन में उतार कर समाजसेवा में प्रत्येक मनुष्य को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए, और जिसने कथा के आदर्शाे को अपने जीवन में उतार लिया, उसने अपना जीवन सफल बना लिया। उन्होंने कहा कि श्री रामचरित मानस मात्र एक धर्म ग्रन्थ नही है अपितु जीवन जीने की कला को सिखाता है। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जीवन स्वयं मेें त्याग और सेवा की प्रेरणा देता है।
श्रीमती रंजन ने यह विचार आज श्री बालकेश्वर मंदिर निराला नगर लखनऊ व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रभु कर्म की प्रधानता रखने वालों की सदैव रक्षा करते है। उन्होंने कहा कि कथा एवं धार्मिक आयोजनों से जुड़ने के बाद व्यक्ति के आचरण एवं जीवन में परिवर्तन आता है और इन शान्तिपूर्ण परिर्वतनों से समाज में समरसता पैदा होती है।
कथा आयोजकों द्वारा श्री बालकेश्वर मंदिर निराला नगर, लखनऊ में श्रीमती सुरभि रंजन को अंगवस्त्रम् तथा श्री यंत्र आयोजको द्वारा भेंट किया गया। कथा का आयोजन प्रभु सेवा समिति पूज्यपाद श्री श्री 108 बाबा शिवशरण दास जी ‘‘कैलासी’’ के निर्वाण दिवस के अवसर पर किया गया था। आचार्य श्री संजीव कुमार ने मंदिर में उपस्थित भक्तों के समक्ष संगीतमय रामकथा के साथ-साथ भजनों का भावपूर्ण सरिता बहायी। श्री बालकेश्वर मंदिर में राम कथा देर तक चली जिसमें भक्तों ने आरती के बाद प्रसाद ग्रहण किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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