राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने संस्कृत के विद्वानो, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आव्हान किया है कि वे सभी मिल-जुल कर देववाणी संस्कृत को लोकवाणी के रूप में विकसित करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि संस्कृत कम्प्यूटर के लिए सर्वोत्तम भाषा मानी गई हैंै।
राज्यपाल श्री सिंह बुधवार को यहां मदाऊ स्थित विश्वविद्यालय परिसर में जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद के मंत्रो के मंगल उच्चारण के मध्य दीप प्रज्जलित कर समारोह का शुभारम्भ किया।
राज्यपाल ने कहा कि युग बदल रहा है, परिस्थितियां बदल रही है, इसलिए हमें भी बदलते समय में तकनीक व विज्ञान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। श्री सिंह ने कहा कि युवा अपने जीवन में बडा लक्ष्य निर्धारित करें और उसकी प्राप्ति के लिए निरन्तर साधना करंे। श्री सिंह का मानना था कि निष्ठा और ईमानदारी से की गई मेहनत से व्यक्ति के आचरण, व्यवहार और सोच में बड़ा सकारात्मक बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व एवं प्रतिभा का चहुंमुखी विकास शिक्षा की मूल भावना मंे है।
कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों में डिग्रियों के वितरण नही होने से उन्हें बहुत वेदना होती है, इसीलिए उनका अब यह प्रयास रहेगा कि अगले वर्ष से राज्य के प्रत्येक राजकीय विश्वविद्यालय में नियमित रूप से दीक्षान्त समारोह हो। इस वर्ष के दिसम्बर माह तक सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में पेंन्डिग डिग्रियां तैयार हो गई है और दीक्षान्त समारोह भी इस माह में हो जायेगें।
श्री सिंह ने कहा कि संस्कृत श्रेष्ठ भाषा हैं, जिसका व्याकरण भी स्वयं में पूर्ण है। उन्होेंने कहा कि हमारा गौरवपूर्ण अतीत भी इसी भाषा में उपलब्ध है। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में कठनाइयां आती रहती हैं, मगर संकल्प शक्ति से हम बाधओं को दूर कर सकते है।
समारोह में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री सिंह ने पीएच.डी. और विभिन्न संकाओं में स्वर्णपदक प्राप्तकत्र्ता विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इस मौके पर राज्यपाल श्री सिंह को विश्वविद्यालय के न्यूज लेटर ‘‘प्रवृत्तिः‘‘ की प्रथम प्रति भी भेंट की गई।
समारोह की जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोेफेसर विनोद कुमार शर्मा ने दी। कार्यक्रम को स्थानीय विधायक श्री कैलाश वर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर श्री नारायाण दास जी का संदेश पढ़कर सुनाया गया। कुलसचिव श्रीमती सीमा सिंह ने आभार ज्ञापित किया। समारोह का संचालन संस्कृत भाषा में किया गया। छात्रों ने सफेद धोती - कुर्ता और पायजामा - कुर्ता और छात्राओं ने सफेद सलवार - कुर्ता और साड़ी पहनकर दीक्षान्त समारेाह में भाग लिया।
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फोटो कैप्सन -
1. राज्यपाल श्री कल्याण सिंह बुधवार को जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए। 16.12.2015
2. राज्यपाल श्री कल्याण सिंह बुधवार को जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में उपाधि प्रदान करते हुए। (3 फोटो) 16.12.2015
3. राज्यपाल श्री कल्याण सिंह बुधवार को जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्रदान करते हुए। 16.12.2015
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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