उत्तर प्रदेष राज्य एड्स नियन्त्रण सोसाइटी के परियोजना निदेषक आलोक कुमार ने बताया है कि प्रदेष में एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों का आकड़ा करीब 1.23 लाख है जिसमें केवल 20 प्रतिषत को ही उपचार मिल रहा है। उत्तर प्रदेष राज्य एड्स नियन्त्रण सोसाइटी के मुताबित 77125 लोगों ने ही सरकारी एड्स नियन्त्रण कार्यक्रम में पंजीकरण कराया है तथा दवा के अभाव में प्रति वर्ष 9436 एच.आई.वी. पीडि़त की मृत्यु हो रही है। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा है कि वायरल लोड कभी भी नहीं जाॅचा जाता है एवं सी.डी.-4 जाॅच केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता देखने के लिए है तथा 10 प्रतिषत एच.आई.वी. संक्रमित द्वितीय स्तर उपचार के लिए ही चिन्हित किए जाते है, एवं 80 प्रतिषत संक्रमित व्यक्तियों को इलाज नही प्राप्त हो पा रहा हैं।
नाको द्वारा कराये गये सर्वे के अनुसार उत्तर प्रदेश में एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों की अनुमानित संख्या लगभग 1.22 लाख है जिसमें से लगभग 97406 एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति प्रदेश में संचालित 38 ए.आर.टी. केन्द्रों पर पंजीकृत हैं जिसमें से 43200 एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों को निःशुल्क ए.आर.टी. की दवाएं दी जा रहीं हैं। वर्ष 2005 से अभी तक कुल 12961 एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। ‘नाको’ के दिषानिर्देषानुसार सी.डी.-4 जाॅच के उपरान्त ही प्रथम चरण का उपचार प्रारम्भ किया जाता है तथा प्रदेष में गठित विषेषज्ञों की कमेटी की संस्तुति के आधार पर द्वितीय चरण का उपचार प्रारम्भ किया जाता है। वायरल लोड जाॅच की व्यवस्था ए.आर.टी. केन्द्रों से सम्बन्धित सी.ओ.ई. वाराणसी एवं मौलाना आजाद मेडिकल काॅलेज, दिल्ली में उपलब्ध है तथा सी.डी.-4 की जाॅच समस्त ए.आर.टी. केन्द्रों द्वारा प्रदान की जाती है।एच.आई.वी. की जानकारी ही बचाव है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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