उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भीषण ठण्ड एवं शीत लहर के दौरान गरीबों और निराश्रितों को राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थल पर अलाव की व्यवस्था करने और जरूरतमन्दों को कम्बल बांटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यकतानुसार रैन बसेरे संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि राहत कार्य में किसी भी स्तर पर कोई शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी जिलों को कम्बल की व्यवस्था के लिए 17 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, अलाव के लिए 1 करोड़ 70 लाख रुपए की धनराशि भी मुहैया कराई जा चुकी है। इस प्रकार शीत लहर में राहत कार्यों के लिए 18 करोड़ 70 लाख रुपए की धनराशि शासन द्वारा 4 नवम्बर, 2015 को निर्गत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कम्बल हेतु 5 लाख रुपए तथा अलाव के लिए 50 हजार रुपए की धनराशि प्रत्येक तहसील को भेजी गई थी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सार्वजनिक स्थानों पर जलाए जा रहे अलावों तथा निराश्रितों को उपलब्ध करायी जा रही रैन बसेरे की सुविधा की जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित करें। श्री यादव ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा अस्पतालों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि शीतकालीन आपदा की किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी के कारण किसी की मृत्यु भोजन, वस्त्र, आश्रय एवं चिकित्सा सुविधा के अभाव में न हो।
शीतलहरी के दौरान राहत पहुुंचाने के लिए शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि निराश्रित, असहाय तथा कमजोर वर्गों के लोगों को शीतलहरी से बचाने के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारी द्वारा बिना समय गवाए जरूरतमन्द व्यक्तियों को समय से निःशुल्क कम्बल आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि अत्यधिक ठण्ड की पूरी अवधि में यह सुविधा उन्हें मिल सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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