उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने विशेष वृक्षारोपण अभियान 2015 के अन्तर्गत एक दिन में प्रदेश के दस स्थलों पर दस लाख पौधों का वितरण व रोपण अभियान के अन्तर्गत आज हमीरपुर स्थित मौदहा बांध पर पीपल का पौधा रोपित किया।
‘क्लीन यू0पी0, ग्रीन यू0पी0’ अभियान के अन्तर्गत प्रदेश को हरा भरा बनाकर पर्यावरण सन्तुलन स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु वन विभाग, सिंचाई विभाग तथा ग्रेटर नोयडा अथाॅरिटी के सम्मिलित प्रयासों से विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव, वन राज्य मंत्री श्री तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय, जन्तु उद्यान राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप यादव, महाधिवक्ता उ0प्र0 श्री विजय बहादुर सिंह, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव वन श्री संजीव सरन तथा अन्य अधिकारियों द्वारा भी वृक्षारोपण किया गया।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश वन विभाग, सिंचाई विभाग तथा ग्रेटर नोयडा अथाॅरिटी के द्वारा 07 नवम्बर 2015 को प्रातः 8ः30 बजे से सायं 4ः30 बजे तक 08 घण्टे की अवधि में प्रदेश के दस स्थलों पर अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार लगभग 10 लाख 15 हजार पौधों का 850 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपण हेतु वितरण कर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का कार्य किया गया है। वितरित किए गए पौधों की गणना मौके पर ही मशीन के माध्यम से आॅडिटरों द्वारा की गयी। उल्लेखनीय है कि साक्षियों के रूप में स्थानीय विद्यालयों के शिक्षकों ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
इस अवसर पर महिलाओं, शिक्षकों, छात्रों, छात्राओं, सैनिकों, ग्रामीणों तथा अन्य लोगों को शीशम, कंजी, पाकड़, नीम, अर्जुन, आंवला, चिलबिल, इमली, बरगद, पीपल सहित विभिन्न प्रजातियों के वितरित किये गये पौधों का रोपण निर्धारित स्थलों पर किया जा रहा है। रोपित किये जा रहे पौधों की सुरक्षा हेतु तारबाड़ फेंसिग, सुरक्षा खाई आदि बनाये गये हैं। प्रत्येक वृक्षारोपण स्थल पर पर्याप्त मात्रा में बोरिंग कर अथवा नहर के माध्यम से पौधों की सिंचाई की व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक पौधों तक पानी पहुँचाने के लिए नालियाँ बनाई गयी है तथा पाइप के माध्यम से भी सिंचाई की व्यवस्था की गयी है।
प्रवक्ता ने कहा कि पौधों का रोपण ग्रिड बनाकर कराया जा रहा है तथा प्रत्येक ग्रिड के पौधों की देखभाल हेतु नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं। इन पौधों की जीवितता सुनिश्चित करने हेतु दो माह की अवधि के बाद विभागीय आन्तरिक आॅडिट टीम के द्वारा इनकी जांच की व्यवस्था की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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