कमीशन के चक्कर में मरीजों को डा0 प्राइवेट नर्सिग होमों में भेजे जा रहे है। मामला शुकुल बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का जहॉं पर सारी सुविधाएंं उपलब्ध है। उसके बाद भी मरीजों को दो घण्टे तक अस्पताल में रखकर आशा बहु और कर्मचारियों की मिली भगत से प्राइवेट नर्सिग होम को मरीज को भेज दिया जाता है। उस नर्सिग होम को सीधे आशा बहु के द्वारा 2000 रूपया कमीशन आ जाता है, जो पूरा स्टाफ बन्दर बाट कर लेता है। जैसा कि 24 फरवरी को लवलेश निवासी मवई रहमतगढ़ शुकुलबाजार व खलीकुम निशा महूपुर को दिन में शुकुल बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भर्ती कराया और अंधेरा होते ही कमीशन के चक्कर में डाक्टरों ने प्राइवेट नर्सिग होम जगदीशपुर सिफा नर्सिग होम में भेज दिया गया। इतना ही नही जो डाक्टर आपरेशन किया वह भी सरकारी सेवा में कार्यरत है। ये वही नर्सिग होम है जहॉं लगभग 2 वशZ पूर्व दो बच्चों की मौत लापरवाही से हो चुकी है। यहॉं पर कौन डा0 है और कौन सा डा0 है और कौन सा डा0 आपरेशन करता है। इसका भी पता नही इतना जरूर पता है कि कमीशन के बल पर ये नर्सिग होम जोरो पर आगे बढ़ता जा रहा है और जैसा कि भगवान का दूसरा रूप डाक्टरों को कहा जाता है था परन्तु कमीशन के चक्कर में अपने पेशे को शर्मसार कर गरीबों का खून चूसने में लगे है। मरता क्या न करता जहॉं पर मरीज परेशान रहता है वही पर डाक्टर भर्ती के लिये कहते है वही प मरीज भर्ती हो जाता है और सीधे मरीजों का खून चूस लिया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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