भारतीय जनता पार्टी ने विकास के एजेण्डे पर राय मांगते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कहा कि जो मशवरे उन्हें पहले मिले थे उस पर थोड़ा अमल करके तो दिखाये। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सत्ता पर आने पर जनता दर्शन से लगाये सोशल मीडिया पर राय-मशवरे की बात करते अखिलेश यादव उन सुझावांे-विचारों पर तो अमल कर नहीं पाये, एक बार फिर विज्ञापन के जरिये प्रदेशवासियों के सुझाव और विचार के इंतजार की बात कर रहे है। उन्होंने कहा स्वीकृति बजट खर्च ना कर पाने की आरोपी अखिलेश सरकार में जब बजट ही नहीं खर्च हो पा रहा है तो विकास का एजेण्डा कैसे जमीन पर उतारेंगा।
पार्टी मुख्यालय पर शुक्रवार को छपे सरकारी विज्ञापन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपनी पहली पत्रकार वात्र्ता में बिजली और कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों को अपने एजेण्डे में शामिल तो किया, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहंुचा पाये। युवाओं की सरकार का दंभ भरने वाली अखिलेश सरकार से युवाओं को पिछले चार सालों में निराशा ही हाथ लगी, न रोजगार मिला, न ही रोजगार का भत्ता। मुख्यमंत्री अपने पहले साल में ही इंटर-हाईस्कूल पास छात्रों को लैपटाप नहीं दे सके तब वे नया सुझााव कैसे मांग रहे है। घोषणा पत्र में किसानों से किसान आयोग बनाकर उनकी समस्याओं का निदान करने और फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने वाली समाजवादी पार्टी की सरकार गांव और गरीब के मुद्दे पर भी फेल साबित हुई। मना रहे है किसान वर्ष पर अब तक राज्य सूखे का आकलंन तक नहीं कर पाये। प्रशासनिक अराजकता का आलम ये है कि सरकार जिलाधिकारियों से सूखे की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
उन्होंने कहा अब जब कार्यकाल के महज कुछ दिन बचे हुए है तो सरकार सरकारी विज्ञापनों और जुमलों के सहारे अपनी असफलता को छिपाने की कोशिशों में जुटी है करोड़ो रूपये के सरकारी खर्च पर विज्ञापन लगाये जा रहे है और सरकार के मेकओवर का दावा किया जा रहा है, पर वो दावा तब खोखला नजर आता है जब राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय हो, प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा जनपदों में साम्प्रदायिक तनाव की स्थितियां हो। अखिलेश सरकार लखनऊ में चंद मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही कर अपनी पीठ भले थपथपा रही हो किन्तु सच्चाई ये है कि आरोपों से घिरे इन मंत्रियों पर सार्वजनिक रूप से कहने में भी संकोच कर रही है। संवादहीनता का आलम ये है कि मंत्री समाचार चैनलो से जानकारी पाये कि उन्हें हटाया गया है।
श्री पाठक ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आमजन से सुझाव और विचार की बात करते है दूसरी तरफ अपने मंत्री परिषद के सदस्यों तक से संवाद नहीं बना पाते है। मंत्रियों को बर्खास्तगी और विभाग हटाये जाने की सूचना समाचार चैनलो से मिलती है। उन्होंने कहा कि भ्रमित अखिलेश सरकार का ये दोहरा रवैया है। ये विज्ञापन और सुझाव मांगने की प्रतिक्रिया राजनैतिक स्टंटबाजी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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