उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करायें। उन्होंने कहा कि फसल रवी हेतु गेहूं, चना, मटर, मसूर, सरसों इत्यादि के प्रमाणित बीजों का वितरण पंजीकृत किसानों को प्राथमिकता से पारदर्शिता के साथ कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि अभी तक 30 लाख से अधिक किसानों का पंजीकरण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष किसानों का पंजीकरण कराने हेतु आगामी 15 नवम्बर तक पंजीकरण तिथि को बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि गेहूं के लगभग 12.50 लाख कुन्टल बीजों का वितरण कृषि, सहकारिता, यू0पी0एग्रो, इफ्कों, उ0प्र0 बीज विकास निगम एवं कृभकों के रिटेल आउटलेट से कराये जाने हेतु जनपदवार सभी एजेन्सियों के माध्यम से बीज वितरण हेतु लक्ष्य निर्धारित करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को बीजों उपलब्ध कराने हेतु बीजों के वितरण हेतु 05 हजार से अधिक बिक्री केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को बीज उपलब्ध कराने के आगामी 10 दिन के अन्दर देय अनुदान डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे उनके खाते में अवश्य स्थानान्तरित कराया जाये।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि 60 प्रतिशत से कम वर्षा वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को आगामी 01 सप्ताह के अन्दर संभावित सूखे के सम्बन्ध में बैठक कर विस्तृत आख्या उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि देश का उत्तर प्रदेश पहला प्रदेश है, जहां पंजीकृत किसानों को पारदर्शिता के साथ बीज उपलब्ध कराने के साथ देय अनुदान उनके बैंक खाते में सीधे स्थानान्तरित कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा भी प्रदेश सरकार के कार्यों की प्रशंसा की गयी है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वह स्वयं प्रत्येक सप्ताह माॅनीटरिंग कर यह सुनिश्चित करायें कि विभिन्न एजेन्सियों को दिये गये लक्ष्य का शत-प्रतिशत वितरण किसानों को पारदर्शिता के साथ किया जाये, ताकि इस योजना से अधिक से अधिक लाभ किसानों को प्राप्त हो सके।
श्री रंजन ने यह भी निर्देश दिये कि छोटे और सीमान्त किसानों को लाभान्वित कराने हेतु योजनाओं के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले कृषि यंत्रों का वितरण ब्लाक, गांव एवं तहसील स्तर पर मेले का आयोजन कर पारदर्शिता के साथ कराया जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार वितरण का कार्य आगामी दिसम्बर माह तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराना होगा। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल में कम वर्षा से प्रभावित किसानों को खाद्यान्न आदि की सुविधायें प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जायें। उन्होंने कहा कि ऐसे जनपदों में जानवरों को चारा एवं पानी की कमी कतई नहीं होनी चाहिये और ऐसे जनपद में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य से अधिक पात्र बुजुर्गों को चयनित कर वृद्धावस्था पेंशन योजना से लाभान्वित कराया जाये एवं कृषक दुर्घटना बीमा योजना तथा आम आदमी बीमा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर पात्र परिवारों को योजना से लाभान्वित किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि पंजीकृत लगभग 30 लाख से अधिक किसानों को प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री जी की ओर से उनको उपलब्ध करायी जा रही, सुविधाओं की जानकारी पत्र के माध्यम से भेजने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में कम वर्षा के कारण जल की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुये रोस्टर के अनुसार पानी की आपूर्ति तिथिवार किये जाने का प्रचार-प्रसार सम्बन्धित जनपदों के क्षेत्रों में व्यापक रूप से कराया जाये, ताकि सम्बन्धित किसान जल की उपलब्धता के अनुसार अपनी फसल की बुवाई की योजना बना सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत वर्षों की अपेक्षा किसानों का क्राप इंश्योरेंस इस बार अधिक कराया गया है, फसल बीमित लगभग 15 लाख से अधिक किसानों को नियमानुसार देय बीमा धनराशि का भुगतान प्राथमिकता से कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।
वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रवीर कुमार, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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