उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने सम्बन्धित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर0के0वी0वाई0) के कार्यों का निष्पादन समयबद्ध एवं तीव्र गति से सुनिश्चित करायें। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा इस योजना को 50ः50 प्रतिशत के फण्डिंग पैटर्न पर चलाने के लिये निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुपालन में राज्य स्तर से राज्यांश की 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था अतिशीघ्र करायी जाये, जिससे योजना का लाभ कृषकों को प्राप्त हो। उन्होंने प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश दिये कि आगामी 02 नवम्बर को बैठक कर प्रदेश के किसानों के हित में राज्यांश की धनराशि तत्काल निर्गत कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि भारत सरकार स्तर से योजनान्तर्गत प्राप्त मात्राकरण 347.94 करोड़ रुपये के सापेक्ष शत-प्रतिशत परियोजनायें माह दिसम्बर, 2015 तक अनुमोदित करा ली जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 19वीं राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति (एस0एल0एस0सी0) बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने सहकारिता विभाग द्वारा 476 निर्मित गोदामों के हस्तानान्तरण में बाधक शर्तों को हटाते हुये निर्देशित किया कि भण्डारण हेतु तत्काल किसानों के उपयोगार्थ लाया जाये, ताकि इन निर्मित गोदामों में प्रत्येक गोदाम की भण्डारण क्षमता 100 मीट्रिक टन का उपयोग किसानों के लिये किया जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी नवम्बर के प्रथम सप्ताह में समस्त लम्बित वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत कराकर परियोजना के कार्यों में गति लायी जाये। उन्होंने परियोजनान्तर्गत लगभग 86 करोड़ रुपये लागत की कृषि एवं संवर्गीय विभागों की 07 परियोजनायें स्वीकृत करते हुये निर्देश दिये कि किसानों के हित में परियोजनाओं के कार्यों में और अधिक गति लाकर कार्यों को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूरा कराया जाये।
श्री रंजन ने दुग्ध विकास के क्षेत्र में प्रदेश के 15 जनपदों-मिर्जापुर, इलाहाबाद, अलीगढ़, नोएडा, झांसी, फैजाबाद, बरेली, आजमगढ़, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, बुलन्दशहर, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती एवं बहराइच में चिलिंग/डेयरी प्लाण्ट तथा दुग्ध विपणन व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु 72 मिल्क पार्लर भी स्वीकृत किये। उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में हरित क्रान्ति के विस्तार की योजनान्तर्गत 01 हजार मीट्रिक टन के वेयर हाउस मण्डी परिसर में निर्मित करने के लिये अतिशीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, ताकि किसान बन्धु अपना उत्पाद स्वतंत्र रूप से भण्डारित कर सकें। उन्होंने दलहन बीजों की कमी की समस्या के दृष्टिगत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये उपयुक्त प्रस्ताव आगामी बैठक में अवश्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुराने जर्जर लगभग 100 बीज गोदाम को ध्वस्त कराकर नवीन बीज गोदामों का निर्माण कराने की स्वीकृति प्रदान करते हुये निर्देश दिये नवीन गोदामों का यथाशीघ्र निर्माण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरण (डी0बी0टी0) के माध्यम से उनके खाते में गेहूं बीज अनुदान के लिये 80 करोड़ की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रवीर कुमार, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री आशीष कुमार भूटानी, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास श्रीमती अर्चना अग्रवाल, प्रमुख सचिव उद्यान सुश्री निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री रजनीश गुप्ता, कृषि निदेशक श्री ए0के0विश्नोई, नोडल अधिकारी आर0के0वी0वाई0 श्री मुकेश कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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