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शिक्षण संस्थानों के विकास के बिना देश एवं समाज तरक्की नहीं कर सकता: मुख्यमंत्री

Posted on 30 October 2015 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शिक्षण संस्थानों को आधुनिक मन्दिर बताते हुए कहा कि इनके विकास के बिना देश एवं समाज तरक्की नहीं कर सकता। अनावश्यक बहस से बचने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि गलत को गलत कहने के लिए जागरूक लोगों को आगे आना पड़ेगा। शिक्षण संस्थाओं को राजनीति से बचाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि महापुरूषों एवं समाज का बटवारा करने वाले लोग गलत रास्ते पर हैं। उन्होंने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, (बी0बी0ए0यू0) के शैक्षिक वातावरण एवं आधारभूत सुविधाआंे के विकास की सराहना करते हुए कहा कि यह शिक्षण संस्थान लखनऊ और प्रदेश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री आज यहां बी0बी0ए0यू0 के सभागार में आॅल इण्डिया कांग्रेस आॅफ जुलाॅजी (ए0आई0सी0जेड0) के तत्वावधान में आयोजित 26वें सिम्पोजियम के उद्घाटन के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। तीन दिवसीय सिम्पोजियम के लिए ‘इनोवेशन इन एनिमल साइंसेज फाॅर फूड सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी एण्ड लिवलीहुड-2015’ विषय निर्धारित किया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में पाॅलीथीन, गुटखा आदि पर पूर्ण प्रतिबन्ध की सराहना करते हुए श्री यादव ने कहा कि वर्तमान कुलपति के सतत प्रयासों के फलस्वरूप कैम्पस में पहले से काफी बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए जा रहे वनस्पति उद्यान एवं गोमती नदी गैलरी के विकास में हर सम्भव मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा कि रमाबाई अम्बेडकर पार्क, विश्वविद्यालय को सुपुर्द करने पर विचार किया जाएगा, जिससे यहां के छात्र-छात्राओं को क्रीड़ा इत्यादि के लिए मैदान मिल सके। ज्ञातव्य है कि कुलपति ने मुख्यमंत्री से इस पार्क को विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र मंे देने का अनुरोध किया था, ताकि इस पार्क के समुचित रख-रखाव के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को खेल इत्यादि के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो सके।
श्री यादव ने कहा कि आज पूरा विश्व एक गांव के रूप में परिवर्तित हो गया है। सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। तेजी से हो रहे परिवर्तन के इस दौर में विशाल आबादी वाला देश भारत, जो न केवल एक बड़ा बाजार है, अपितु दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश भी है, अपने को अलग नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि दुनिया से स्पर्धा करने में देश के संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं, क्योंकि आधुनिक खोज एवं तकनीक का विकास इन्हीं के माध्यम से किया जा सकता है। इसलिए रिसर्च वर्क में बदलाव के लिए इन शिक्षण संस्थाओं को हर हालत में मजबूत बनाया जाना चाहिए, जिससे यहां की प्रतिभाओं का लाभ देश एवं समाज को मिल सके।
मुख्यमंत्री ने देश एवं दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए डेलीगेट्स का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें लखनऊ की तहजीब और नवाबी परम्परा की जानकारी के लिए नगर का भ्रमण करना चाहिए। इन सदस्यों में से जो लोग पहले यहां आए हैं उन्हें निश्चित रूप से आभास होगा कि लखनऊ एवं प्रदेश बदल रहा है। उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा राज्य बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी चुनौतियां भी बड़ी हैं, लेकिन राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए काफी काम कर रही है। पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है।
लखनऊ नगर में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया एवं जनेश्वर मिश्र पार्क का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि डेलीगेट्स इन पार्काें में भ्रमण कर इनका आनन्द उठा सकते हैं। लखनऊ एवं इसके आस-पास लगभग 100 किलोमीटर रेडियस में स्थापित एवं निर्मित किए जा रहे विश्वस्तरीय संस्थानों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इतने संस्थान शायद देश के किसी अन्य भाग में मौजूद नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता की भलाई के लिए हर अच्छे कार्य एवं परियोजनाओं को सहयोग देने का काम करती है, चाहे संस्था केन्द्रीय हो अथवा राज्य सरकार की। जनपद रायबरेली में स्थापित हो रहे एम्स का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार से पूर्व यह परियोजना तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध न कराने के कारण आगे नहीं बढ़ रही थी, जबकि वर्तमान सरकार ने तत्परता से इसके लिए भूमि उपलब्ध करायी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ को चिकित्सा का हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जनता से किए गए सभी वायदों को जमीन पर उतारने का काम किया है। विकास में जनसहभागिता प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि आगामी बजट को तैयार करने से पूर्व, जनता एवं प्रबुद्ध लोगों के सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं, जिससे यह पता चल सके की प्रदेश की जनता वास्तव में अपने लिए कैसा विकास एवं सुविधाएं चाहती है। इसके अनुरूप ही बजट में धनराशि की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के वनस्पति उद्यान में रूद्राक्ष का पौधा रोपा। उन्होंने कुलपति के आग्रह पर उद्यान का नामकरण आचार्य नरेन्द्र देव वनस्पति उद्यान करने की घोषणा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बाॅयोसाइंसेज के नये ब्लाॅक की आधारशिला तथा ए0आई0सी0जेड0 के सोवेनियर एवं वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। उन्होंने बी0बी0ए0यू0 के कुलपति द्वारा सम्पादित दो पुस्तकों का विमोचन किया एवं ए0आई0सी0जेड0 द्वारा घोषित पुरस्कारों का वितरण किया। इस मौके पर प्रख्यात वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि भी दी गई।
बी0बी0ए0यू0 के कुलपति प्रो0 रणवीर चन्द्र सोबती ने मुख्यमंत्री सहित सभी डेलीगेट्स एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि लखनऊ का यह एक मात्र विश्वविद्यालय है, जिसे नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड दिया गया है। विश्वविद्यालय के विकास के लिए कई नये विभागों को स्थापित किया जा रहा है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 जी0सी0 त्रिपाठी ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यांे की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं के विकास में सहयोग देने का काम कर रहे हैं।
इस मौके कई जनप्रतिनिधि, ए0आई0सी0जेड0 के अध्यक्ष प्रो0 बी0एन0 पाण्डेय, संस्था की संयोजक सुश्री सुमन मिश्रा सहित देश-विदेश से आए डेलीगेट्स, शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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