काफी दिनों से आपके दिये हुए भाषणों का आंकलन करने के बाद यह तथ्य निकल कर आया है कि विवादित भाषण देने में आपको महारत हासिल है, आप समाजवादी पार्टी के मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं, इसी नाते समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव जी सहित उनका पूरा कुनबा आपकी बातें सुनने को तैयार रहता है। पिछला संसद सत्र जब चल रहा था तो कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी तथा अन्य सभी दलों ने संसद में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लाये गये विवादित अध्यादेषों के खिलाफ एक साथ खड़े थे, लग रहा था कि लोकतंत्र का साफ सुथरा स्वरूप अभी भी जिन्दा है। परन्तु जैसे ही यादव सिंह के 20हजार करोड़ के घोटाले की सी.बी.आई. जाँच पर सर्वोच्च न्यायालय ने मोहर लगाई अपने परिवार को इस संकट की घड़ी से बचाने के लिए सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव ने यू-टर्न लिया और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में आ गये और कहा कि संसद चलनी चाहिए क्या सपा मुखिया के इस निर्णय से आप सहमत हैं। हर मुद्दे पर बेबाक बोलने वाले आज़म खाँ साहब आपकी यह खामोषी जनता को अखर रही है।
देष में भारतीय जनता पार्टी के तमाम ग़लत फैसलों के खि़लाफ़ सपा के मुखिया ने मेहनत करके एक महा गठबंधन बनाया तब लगा कि भाजपा को उसका जवाब देने के लिए और देष को इस संकट की घड़ी से बचाने के लिए यह गठबंधन निर्णायक होगा, परन्तु जैसे ही बिहार के चुनाव का आगाज हुआ, सपा मुखिया ने अपने ही बनाये महा गठबंधन को अपने ही हाथों से तार-तार कर दिया और धर्मनिरपेक्षता मे भरोसा करने वालों को तगड़ा झटका दे दिया। आष्चर्य तो तब हुआ जब श्री यादव जी ने कहा कि बिहार में मोदी की लहर है और मोदी को जिताना चाहिए, उनके इस विवादित बयान से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जो नये गठबंधन की भागीदार थी, उसके नेता श्री तारिक अनवर जी ने भी इस नये गठजोड़ से अपने को अलग कर लिया। उन्हें लगा कि समाजवादी पार्टी किसी न किसी बहाने भाजपा को मजबूत करना चाहती है। अपनी पार्टी के मुखिया के इस बयान पर आपकी प्रतिक्रिया न आना इस बात की दलील है कि आप पार्टी के खौफ़ में हैं या भाजपा के दबाव में हैं या मौके की नज़ाकत का फायदा उठाना चाहते हैं।
आपने बिसाहड़ा गाँव (दादरी) के मामले पर यह कहा था कि इस मामले को हम यू0एन0 तक ले जायेंगे, परन्तु दूसरे ही दिन प्रदेष के नौजवान मुख्यमंत्री ने सिरे से खारिज कर दिया फिर दूसरे ही दिन उनके चाचा षिवपाल यादव जी ने कहा कि यह आज़म खाँ का निजी बयान हो सकता है, यह पार्टी की राय नहीं है, यह दो लोगों का अहम बयान यह दर्षाता है कि सपा में आपकी नींव कमजोर हो रही है, क्या यह सच है।
समूची समाजवादी पार्टी बिहार में भारतीय जनता पार्टी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए चुनाव लड़ रही है। यह जग जाहिर है, सपा मुखिया सहित मुख्यमंत्री और पूरा मंत्रिमंडल चुनाव प्रचार में लगाया गया है, परन्तु आप जैसा बड़ा चेहरा बिहार चुनाव से दूर रहा, इसकी क्या वजह हो सकती है, क्या आपके भाषणों पर अब सपा के नेतृत्व को भरोसा नहीं रहा है या भाजपा का दबाव है, इसका भी खुलासा होना चाहिए।
एक और बात दिमाग में बार-बार आती है कि जब चाहे बी0जे0पी0 की सरकार में श्री लालजी टण्डन नगर विकास मंत्री व आवास मंत्री रहे हों या बी0एस0पी0 की सरकार मंे श्री नसीमउद्दीन सिद्दीकी साहब नगर विकास मंत्री एवं आवास मंत्री रहे हों। कांग्रेस को सत्ता से बाहर हुए 26साल हो गये, उस समय की बात याद भी नहीं होगी, सम्पूर्ण विभाग एक साथ ही रहता था, परन्तु अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में आपको महज़ नगर विकास मंत्री बनाया गया, आवास विकास जो अहम विभाग है- उसे आपको नहीं दिया गया, जो संभवतः माननीय मुख्यमंत्री के पास है, यह सौतेला व्यवहार आपके साथ क्यों किया गया और आपको मात्र शहर की सफाई दी गई।
आज़म खाँ साहब! आपको सोचना पड़ेगा कि मुसलमान खौफ़ज़दा नहीं हैं, यह मेहनतकष क़ौम हैं, उ0प्र0 की हर वो चीज़ जो विष्व में जाती है उसको बनाने वाले ज़्यादातर मुस्लिम भाई हैं। उन्हें आप और आपकी समाजवादी पार्टी उनके हाल पर छोड़ दें, मुसलमान सिर्फ सुरक्षा चाहता है, तालीम चाहता है, इज़्ज़त की जि़न्दगी जीना चाहता है, आपकी पार्टी ने दीगर साढ़े तीन सालों में क्या किया- इसका जवाब प्रदेष की जनता आपसे 2017 में ज़रूर माँगेगी, इसके लिए आपको और आपकी पार्टी को तैयार रहना होगा। दिल में कुछ बातें थीं, जिसका खुलासा कर रहा हूँ। खुदा हाफि़ज़
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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