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खादी उत्सव का चतुर्थ दिन-आल्हा ऊदल के घी-गुड़, नाज

Posted on 29 October 2015 by admin

दिनांक 28.10.2015। बालसंग्रहालय, निकट रविन्द्रालय, चारबाग मेंउ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित प्रदर्षनी का आज चैथा दिन है।
प्रदर्षनीमें विभिन्न स्टालों पर विषिश्ट उत्पादों की एक लम्बी श्रृंखला मौजूद है। खादी कपड़ों में जैन्ट्स कुर्ता-पैजामा, ऊनी चादर, कम्बल, आसन, दरियां, गद्दे, रजाई, तकिया आदि। ग्रामोद्योगी उत्पादों में षुद्ध षहद, विभिन्न जड़ी-बूटियों से निर्मित उत्पाद, अगरबत्ती, षुद्ध सरसों का तेल, विभिन्न प्रकार के जून्ट्स व लेडीज जूते, चप्पलें, जूतियां, पर्स, बेल्ट, हाथी के दांत से बने विभिन्न उत्पाद, विभिन्न प्रकार की मालायें, सहारनपुर के लकड़ी पर नक्काषीदार फर्नीचर, आंवले सबनी विभिन्न वस्तुएं मौजूद हैं। प्रदर्षनी में षुद्ध षहद की मांग अधिक होने से बिक्री में भी वृद्धि हुई। आज खराब मौसम के कारण दिन भर प्रदर्षनी में सन्नाटा रहा, लेकिन षाम ढलते ही लक्जरी गाडि़यों का मेला लग गया, जिसे देखकर दुकानदारों के चेहरे खिल उठे।
सांस्कृति कार्यक्रम में श्री रामरथ पाण्डेय व राम प्रकाष यादव द्वारा आल्हा गायन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उनके द्वारा गाये गये गीत ‘‘घी गुड़ नाज अनेकन व्यंजन, पहिरों खादी के पोषाक, चना जो खाना है भारत का समझो और मुल्क का दाक’’ सुनकर श्रोतागण झूम उठे और पाण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
प्रदर्षनीमें अब तक रू0 8.92 लाख के खादी के कपड़े तथा रू0 4.11 लाख के ग्रामोद्योगी उत्पादों सहित कुल रू0 13.03 लाख की बिक्री हो चुकी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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