भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के नेता ही नहीं अधिकारी भी प्रशासनिक विफलता पर सुविधानुसार बयानबाजी कर रहे है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कानपुर में एक ओर बयान आता है कि पुलिस बल की संख्या अधिक होती तो घटनाओं पर नियत्रंण करने में सुविधा होती वहीं दूसरे अधिकारी इस तरह की संभावनाओं को नकारते है। कन्नौज में पुलिस बल के मुस्तैदी की बात करते हुये अभिसूचना तंत्र के फेल होने की बात की जा रही है किन्तु सवाल उठता है कि बार-बार हर घटना पर फेल होता अभिसूचना तंत्र कहा पास हुआ है ?
उन्होने कहा सरकार कत्र्तव्य पालन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की बात करती है किन्तु अपने राजनैतिक आकाओं के प्रति प्र्रतिबद्ध अधिकारी सरकार के इन बयानों का मखौल उड़ाते हुए नजर आते है। हर विवाद के बाद प्रशासनिक कार्यवाही सवालो के घेरे में खड़ी होती है, अपनी नाकामी को छुपाते अधिकारी राजनैतिक पेशबंदी में कार्यवाही करने में जुटते है जिससे जहां एक ओर सरकार की छवि खराब होती वहीं वातावरण को सामान्य बनाने की कार्यवाही पर प्रश्न उठता है।
श्री पाठक ने कहा कि भ्रमित अखिलेश सरकार के अधिकारी भी भ्रम का शिकार है इसी कारण मैनपुरी से लेकर कन्नौज कानपुर तक अधिकारी अलग-अलग स्वरों में बोल रहे हैं। जिसके कारण कई बार व्यवस्था बनने के बजाये बिगड़ रही है। सपाई नेताओं की तरह उनके प्रशासनिक अधिकारी भी बयानबाजी कर अपने ऊपर उठते सवालों को टाल दूसरे पर मढ़ने की कोशिश करते है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारियों के पलायन की बजाय जिम्मेदारियों का एहसास करते हुए अखिलेश यादव अपनी मंशा अधिकारियों तक पहुंचाये ताकि राजनैतिक कार्यवाही की बजाय जो उपद्रवी तत्व है उन्हें चिन्हित कर कठोर कार्यवाईयों को अंजाम दिये जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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