स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयास के बाद भी सिन्थेटिक खोवा मिल्क केक व पनीर की बाजारों में धडल्ले से बिक्री हो रही है। हलाकि 24 फरवरी की रात्रि में स्वाथ्य विभाग की टीम ने रोडवेज पर छापामार कर पनीर व मिल्क केक पकड़ा। आपको बताते चले की घटिया खोवा, मिल्क केक, पनीर, इमरती, बुदिंया आदि के कुछ चुनिन्दा चालक परिचालक अपनी बसों से रात्रि में कानपुर व लखनऊ से लाते है। इनका सहयोग परिवहन विभाग से जूड़े कुली व कुछ रिक्शे वाले करते है। ये सारा दो नं0 का काला कारोबार परिवहन निगम के परिचालक व कुली तथा रिक्शे वाले जो मोबाइल्स से लैस होकर संचालित कर रहे है। परिवहन निगम ऐसे परिचालकों पर अंकुश लगाने में काफी असेZ से असफल साबित हो रहा है। जिले के नामी मिश्ठान भण्डार इस नं0 दो के काले कारोबार से जूड़े है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब भी रोडवेज बस स्टाप पर छापा मारा तथा एक बस को पकड़ा फौरन कुली व रिक्शे वाले मोबाइल से परिचालकों का सूचित कर आने वाले नं0 दो के माल को रास्ते में ही उतरवा देते है। परिवहन निगम के चन्द परिचालको के कारण पूरे जनपद में `जानलेवा´ मिल्क केक, पनीर, खोवा, बुदिंया, इमरती आदि सामानों की बिक्री धडल्ले से हो रही है। इसमें भी ए0आर0एम0 लोहानी असफल साबित हो रहे है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पकड़े गये नं0 दो के सामानो का क्या परिणाम निकलता है। ये पता नही चल पाता, जिससे स्वास्थ्य विभाग भी शंका के दायरे में आता है। वर्तमान में खाद्यय तेलों में जैसे हवाई जहाज वो मानक पर खरा नही है। फिर भी उसकी बिक्री जोरों पर है। बीते वशZ पूर्व फूड इन्सपेक्टर संजय ने 150 टीन हवाई जहाज ब्राण्ड का तेल पकड़ा था। परन्तु उनकी कार्यवाही से पूरी जनपद अनभिज्ञ है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे कार्यों में पारदिशZता नही रख रही है। शायद यही वजह है कि अच्छा कार्य करने के बाद भी शक की सुई उन पर भी जा अटकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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