उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) के दोनों ओर यातायात पर नियंत्रण रखने हेतु, यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधायें प्रदान करने तथा मार्ग सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु हाई-वे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करायें। उन्होंने कहा कि मार्ग दुर्घटना की स्थिति में घायल व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु वे साइड एमेनेटीज के दो स्थलों पर ट्राॅमा सेण्टर की स्थापना कराने के साथ-साथ सड़क मार्ग के प्रत्येक 60 किलोमीटर पर 01 एम्बुलेंस हर समय उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों को सम्बन्धित शहरों को दर्शाने हेतु साइन बोर्ड अवश्य लगावाये जायें। उन्होंने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क मार्ग के गंगा व यमुना पर निर्मित होने वाले चार पुलों में से 02 पुलों का कार्य प्रारम्भ हो जाने के फलस्वरूप वर्तमान माह अक्टूबर माह के अन्त तक अवशेष 02 पुलों में भी निर्माण कार्य प्रारम्भ कराकर आगामी 05 माह में गुणवत्ता के साथ कार्य को पूर्ण कराया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सड़क मार्ग के निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यातायात गतिविधियों पर निगरानी रखने हेतु मार्ग पर आवश्यकतानुसार सी0सी0टी0वी0 कैमरे भी लगवाये जायें। उन्होंने कहा कि दूरस्थ स्थानों पर सिग्नल न मिलने के कारण सेल फोन बहुधा कार्य नहीं करते हैं, इसलिये त्वरित एवं आत्मनिर्भर संचार व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु मार्ग की पूरी लम्बाई में मोबाइल, रेडियो कम्प्यूनिकेशन सिस्टम की स्थापना करायी जाये।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा श्री नवनीत सहगल ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे मार्ग पर हाई-वे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अन्तर्गत आपात स्थिति में कण्ट्रोल रूम से सीधे सम्पर्क करने हेतु प्रत्येक 02 किलोमीटर पर इमरजेन्सी काॅल बाॅक्स की स्थापना करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि मार्ग पर आवश्यकतानुसार न्यूनतम 3उग्1ण्8उ का वैरिएबिल मैसेज साइन लगाये जायेंगे, जिनके लिये एल0ई0डी0 स्क्रीन का भी प्रयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वेरिएबिल मैसेज साइन पर प्रदर्शित की जाने वाली सूचनायें आदि कण्ट्रोल रूम से नियंत्रित की जायेंगी।
श्री नवनीत सहगल ने बताया कि सड़क मार्ग के 06 स्थानों पर तापमान, मौसम एवं हवा की गति व दबाव, पेवमेन्ट का तापमान आदि की लगातार जानकारी प्राप्त करने हेतु स्वचालित मीटिरियोलोजिकल स्टेशन की स्थापना भी करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि समस्त संसाधनों के समन्वय हेतु सुगम एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु टोल प्लाजा पर (एक स्थान पर) आधुनिक तकनीक के यंत्रों से सुसज्जित कण्ट्रोल सेण्टर की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग के चिन्हित चार स्थानों पर अधिग्रहित एवं क्रय की गयी अतिरिक्त भूमि पर एक मेगावाॅट क्षमता के सोलर एनर्जी फार्म की स्थापना का प्रस्ताव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोलर एनर्जी पावर का उपयोग वे साइड एमेनेटीज हेतु कर अतिरिक्त विद्युत विक्रय की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सड़क मार्ग पर यात्रा को यादगार बनाने, स्थानीय उत्पादकों एवं विशेषताओं को बढ़ावा देने तथा पर्यटन को प्रोत्साहित करने हेतु सड़क मार्ग के 09 स्थानों पर स्थानीय विशेषताओं पर आधारित आर्ट वर्क व स्कल्पचर्स की स्थापना भी करायी जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री महेश कुमार गुप्ता, सचिव वित्त श्री मुकेश मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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