सात्विक वेलफेयर फाउण्डेशन के प्रतिनिधि मण्डल दल ने संस्था की संस्थापक सचिव सुनीता बंसल के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल श्री राम नाईक जी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में प्रतिनिधि मण्डल दल द्वारा राजकीय अशक्त वृद्ध गृह में वृद्ध दम्पत्तियों को एक साथ रखने की मांग उठाई गयी। राज्यपाल से बात-चीत कर चर्चा के दौरान उन्हें जानकारी दी गई कि वर्तमान में समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित हो रहे अशक्त वृद्ध गृह में महिला व पुरूषों को अलग-अलग वृद्ध गृह में रखने का प्राविधान है। जिसके कारण वृद्ध दम्पत्तियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिस उम्र में उन्हें साथ-साथ रहना चाहिए एक -दूसरे की देख-भाल करनी चाहिए, उम्र के उस पडाव पर आकर उन्हें अलग-अलग रहने पर मजबूर होना पड़ता है जिससे उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इसी समस्या के चलते 50 की प्रवेश क्षमता वाले इस वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों की संख्या नाम मात्र की रह गयी है।
सचिव सुनीता बंसल ने राज्यपाल से चर्चा करते हुये उन्हें बताया कि सन् 1972 से समाज कल्याण द्वारा संचालित हो रहे वृद्धाश्रम के अन्तर्गत पुरूषों का वृद्धाश्रम वर्तमान में लखनऊ में मोहान रोड पर स्थित है तथा महिलाओं का दुर्गाकुण्ड वाराणसी में है तथा पूर्णतयाः निःशुल्क है। दोनों ही वृद्धाश्रम की हालत काफी दयनीय है। सुनीता बंसल ने बताया कि 2007 में उन्होंने प्रमुख सचिव समाज कल्याण आर0सी0 श्रीवास्तव को इसी बाबत एक प्रार्थना पत्र लिखकर वृद्ध दम्पत्तियों को एक साथ रखने की अनुमति प्रदान करने हेतु निवेदन भी किया था। उन्होंने इसे उचित ठहराते हुये अतिशीघ्र इस पर अमल करने का आश्वासन भी दिया था। परन्तु आज आठ वर्षों पश्चात् भी समस्यायें जस की तस है।
कुछ अन्य समस्याओं पर भी बिन्दुवार चर्चा करते हुये उन्होंने राज्यपाल को जानकारी दी कि लखनऊ वृद्धाश्रम के कर्मचारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि काफी वर्षों से प्रति बुजुर्ग मात्र 1200/-रू0 प्रतिमाह निर्धारित है जो कि आज के हिसाब से काफी कम है। इसमें दोनों वक्त का नाश्ता व खाना सम्भव नहीं हो पाता है। इसके साथ ही आय-प्रमाण पत्र, मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र तथा पुलिस वैरीफिकेशन के लिये भी बुजुर्गों को काफी परेशान किया जाता है उनसे सुविधा शुल्क की मांग की जाती है। जिसके कारण बुजुर्गो को वृद्धाश्रम में प्रवेश लेने में काफी कठिनाई होती है। इन्हीं समस्याओं के चलते वृद्धाश्रमों में वृद्धों की संख्या बढ़ने के बजाये घटती जा रही है। आज नाम-मात्र के बुजुर्ग रह गये है।
सभी बाते जानने के बाद राज्यपाल राम नाईक जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि राजकीय अशक्त वृद्ध गृह की सभी विसंगतियों व समस्याओं की पूरी जानकारी हासिल कर वे दोनों वृद्धाश्रमों का जल्द ही दौरा करेंगे और वृद्ध जनों को उन सभी समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास करेंगे। राज्यपाल को ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से संस्था के अध्यक्ष मनोज सिंह, आजीवन सदस्य शैल सिंह, रवि प्रताप वर्मा एवं अनिरूद्ध सिंह उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com