उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनाने हेतु व्यापक कार्य योजना यथाशीघ्र बनाकर प्रस्तुत की जाये। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाये कि लखनऊ विश्वविद्यालय आगामी मार्च, 2016 के नैक मूल्यांकन में ‘बी’ से ‘ए’ ग्रेड प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में छात्राओं की संख्या को दृष्टिगत रखते हुये एक नया गल्र्स हाॅस्टल कम से कम 85 कमरों का 170 छात्राओं के रहने हेतु अत्याधुनिक सुविधायुक्त बनवाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करायी जाये तथा फील्ड में स्टडी कराकर प्रोजेक्ट वर्क तैयार करने हेतु प्रेरित किया जाये। उन्होंने विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में कम से कम 1200 व्यक्तियों के बैठने की क्षमतायुक्त एक भव्य प्रेक्षागृह का निर्माण कराये जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के आवासीय समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुये विश्वविद्यालय परिसर में कम से कम 02 बहुखण्डीय आवास का निर्माण भी कराया जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 05 उच्च अध्ययन केन्द्रों का भी निर्माण कराया जाये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 04 शोध पीठ का भी प्रस्ताव यथाशीध्र प्रस्तुत किया जाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में लखनऊ विश्वविद्यालय को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का विश्वविद्यालय बनाने हेतु उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियांे एवं कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम (सी0बी0सी0एस0) समस्त संकायों में लगाया जाये, ताकि व्यक्तित्व विकास एवं कम्यूनिकेशन स्किल्स आदि पाठ्यक्रमों को पढ़ना अनिवार्य हो जाये।
कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय डाॅ0 एस0बी0निमसे ने बैठक में बताया कि विश्वविद्यालय में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरना विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। इसके लिये उन्होंने राज्य सरकार से आर्थिक सहायता बढ़ाने का अनुरोध करते हुये कहा कि आगामी नैक मूल्यांकन में लखनऊ विश्वविद्यालय निश्चित ही ‘ए’ गे्रड को प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की सड़कों एवं सीवरेज आदि के मरम्मत कार्य भी कराये जाने अतिआवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय के विकास हेतु लगभग 153 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जिसमें से आगामी मार्च तक लगभग 79 करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार, प्रमुख सचिव वित्त श्री राहुल भटनागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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