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रेल बजट में उत्तर प्रदेश की पूरी तरह से उपेक्षा

Posted on 24 February 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आज संसद में पेश किये गये रेल बजट में उत्तर प्रदेश की पूरी तरह से उपेक्षा किये जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश के लिए कोई नई रेलगाड़ी अथवा परियोजना न दिये जाने से प्रदेश की जनता को घोर निराशा हुई है। इस तरह `आम आदमी´ और `समावेशी´ विकास का दावा करने वाली यू0पी0ए0 सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि रेल बजट में कुछ राज्यों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की अनदेखी की गई है।

मुख्यमन्त्री ने रेल बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विकास के मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए, लेकिन यू0पी0ए0 सरकार ने रेल बजट में भी उत्तर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया है। उन्होंने कहा कि रेल बजट में प0 बंगाल और मुम्बई का विशेष ध्यान रखा गया है। इस तरह की सोच ने यू0पी0ए0 सरकार के समावेशी (इन्क्लूसिव) विकास के खोखले नारे की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि रेल बजट में उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि इस बार भी बजट में दूर-दराज के इलाकों में गरीबी और पिछड़ेपन की मार झेल रहे क्षेत्रों के विकास के लिए कोई विशेष परियोजना प्रस्तावित नहीं की गई है।

सुश्री मायावती ने कहा कि बजट में `समर्पित यात्री कोरिडोर´, हाईस्पीड रेल ऑथारिटी, रेलवे स्टेशनों का उच्चीकरण, कुछ रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने, नई रेलवे लाईन बिछाने, पुरानी लाईनों का दोहरीकरण, स्कूल, अस्पताल, नवोदय विद्यालय, डायग्नोस्टिक सेन्टर, हब तथा टुरिस्ट व नई गाड़ियों का संचालन, नई दुरन्तों गाड़ियां चलाने व मानव रहित रेलवे क्रांसिग को समाप्त करने आदि अनेक घोषणाएं की गई हैं। लेकिन इसमें उत्तर प्रदेश के हिस्से में कुछ नाम मात्र की परियोजनाएं ही आयी हैं। इस तरह आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य के हितों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार ने दूसरी बार सत्ता में आते ही पिछले साल 03 जुलाई, 2009 को रेल बजट पेश करते हुए तमाम परियोजनाओं एवं सुविधाओं की घोषणा की थी। लेकिन इनकी सारी घोषणाएं हवा हवाई साबित हुईं। अब भी रेलवे स्टेशनों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अधूरी परियोजनाएं पूरी नहीं की गईं हैं। उन्होंने कहा कि रेल यात्रा को सुरक्षित भरोसेमन्द और दुघZटना रहित बनाने के लिए किसी तरह के उपायों की जानकारी नहीं दी गई है। इसके साथ ही रेलों के विस्तार के साथ ही आम आदमी की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि रेल मन्त्री बजट में रेलों के माध्यम से सामाजिक उत्तदायित्व निर्वहन करने तथा आम आदमी की बात कर रहीं हैं, जबकि सच्चाई यह है कि रेलवे के एजेण्डे में आम आदमी के लिए कोई जगह नहीं दिखायी नहीं दे रही है।

सुश्री मायावती ने कहा कि रेल बजट में नई रेलवे लाईने बिछाने की जोर-शोर से घोषणा की गई है और प्रतिवर्ष 1000 किलोमीटर नई रेलवे लाईन का लक्ष्य रखा गया है। जबकि रेलवे के आंकड़े कुछ और कहते हैं। वर्ष 1947 से अब तक सिर्फ 10 हजार किलोमीटर ही नई रेलवे लाईन बिछायी गई है, जबकि आजादी के बाद से लगभग 50 वर्ष तक कांग्रेस का ही राज रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में इटावा-मैनपुरी, अमेठी-शांहगंज,  अमेठी-सुल्तानपुर तथा सम्भल-गजरौला के लिए ही नई रेलवे लाईन की घोषणा की गई है, इस तरह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की पूरी तरह उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 के रेल बजट में की गई अधिकांश घोषणाओं को जमीन पर अब तक उतारा नहीं जा सका है। उन्होंने कहा कि रेलवे बजट 2010-11 का भी यही हश्र होने वाला है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि रेल बजट में प्रदेश को देश के अधिकांश भागों से सम्पर्क मुहैया कराने तथा सामाजिक उत्तरदायित्व को एक महत्वपूर्ण पहलू बताया गया है और यह भी कहा गया है कि यदि विकास की प्रक्रिया में सभी को शामिल नहीं किया गया तो पूरी कवायत मात्र आंकड़ों पर टिक कर रह जाएगा। लेकिन रेलबजट में ठीक इसके विपरीत व्यवस्था करके दोहरी नीति अपनायी गई है। रेलवे में लम्बे समय से रिक्त अनुसूचित जाति/जनजाति के बैकलॉग कोटा भरने के लिए कोई बात नहीं कही गई है। उन्होंने इस रेल बजट को एक आंकड़ों का पुलिन्दा बताते हुए कहा है कि यू0पी0ए0 सरकार ने तमाम नई परियोजनाओं की बात कही है, लेकिन इसके लिए संसाधनों का खुलासा नहीं किया गया है, जिससे पूरी आशंका है कि यह सब कागज के बाहर नहीं आ सकेंगी।

सुश्री मायावती ने कहा कि ऐसा लगता है प0 बंगाल के आसन्न चुनाव को देखते हुए रेल बजट सिर्फ प0 बंगाल के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सस्ती रेल एवं सुखद यात्रा का नारा यू0पी0ए0 सरकार का छलावा मात्र है, क्योंकि गाड़ियों में बढ़ती भीड़ तथा यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई कारगार रणनीति की बात बजट में नहीं कही गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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