सोडिक तृतीय परियोजना के कार्यों का अवलोकन एवं समीक्षा के लिए आये विश्व बैंक के प्रतिनिधि मंडल ने आज प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आन्नद मिश्र के साथ रैप-अप मीटिंग में विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जा रही सोडिक तृतीय परियोजना के कार्यों की सराहना की। प्रतिनिधि मंडल ने परियोजना के माध्यम से प्रदेश की खाद्यान्न आवश्यकता के लिए किये जा रहे योगदान पर संतोष व्यक्त किया।
आज की बैठक में विश्व बैंक के प्रतिनिधि मंड़ल में श्री मार्टिन वैन न्यूव कूप प्रैक्टिस मैनेजर साउथ एशिया, श्री अनिमेष श्रीवास्तव प्रोग्राम लीडर रूरल अर्बन ट्राँसफारमेशन, श्री बायर सेखान तमुरदवा-टास्क टीम लीडर, श्री रंजन सामन्तरे को-टास्क टीम लीडर, डॅा0 पाल सिद्धू-वरि0 कृषि विशेषज्ञ, श्री आर0एस0 पाठक-वरि0 जल निकास विशेषज्ञ, श्री मरिमुतु स्वामीनाथन-वरि0 पशुपालन विशेषज्ञ, श्री मनिवव पैथी-वरि0 कृषि विशेषज्ञ, शामिल हुए। विश्व बैंक प्रतिनिधियों के अतिरिक्त बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई एवं परती भूमि विकास श्री दीपक सिंघल, श्री रजनीश गुप्ता प्रमुख सचिव पशुपालन, श्री हिमांशु कुमार प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने प्रतिभाग किया। निगम की ओर से श्री विपिन कुमार द्विवेदी प्रबन्ध निदेशक भूमि सुधार निगम एवं संयुक्त प्रबन्ध निदेशक डाॅ0 वी0पी0 सिंह तथा अन्य अधिकारियों के साथ सोडिक तृतीय परियोजना में निगम के साथ कार्य कर रहे कृषि, सिंचाई, पशुपालन, पंचायती राज विभाग तथा रिमोट सेन्सिंग के प्रतिनिधि भी सम्मिलित हुए।
विश्व बैंक के प्रैक्टिस मैनेजर श्री मार्टिन वैन न्यूव कूप ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सोडिक तृतीय परियोजना के पूरा होने में यद्यिप दो साल का समय है लेकिन परियोजना ने निर्धारित डेवलपमेन्टल आब्जेकटिव्स पूर्ण कर लिये हंै। परियोजना के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होने कहा कि बहुत ही अच्छा कार्य हुआ है और परियोजना अपने उददेश्यों में सफल रही है। बायर सेखान तमुरदवा टास्क टीम लीडर का कहना था कि परियोजना के सभी कम्पोनेन्ट में संतोषजनक कार्य हुआ है। परियोजना के अन्र्तगत बनायी गयीे प्रोड्यूसर कम्पनियों की ओर अधिक ध्यान देकर उनकी क्षमता एवं पूंजी बढ़ाने की आवश्यकता है। श्री रंजन सामन्तरे को-टास्क टीम लीडर ने परियोजना के शेष दो वर्षों में कृषि के लिए अनुपयोगी भूमि के विकास के लिए अधिक कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक के अध्यक्ष मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने जन सहभागिता पर जोर देते हुए कहा कि परियोजना में सुधारी गयी भूमि मेें विविधिकरण कर धान, गेहूँ के अतिरिक्त दलहन, तिलहन एवं सब्जियों की खेती को बढ़ावा दिया जाय जिससे कृषकों की आमदनी बढ़ सके।
परियोजना के स्थायित्व पर जोर देते कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आन्नद कुमार मिश्र ने परियोजना में किये गये कार्यों के स्थायित्व पर विशेष ध्यान दिया जाय और ऐसी कृषि तकनीक का प्रचार प्रसार किया जाये कि सुधारा गया क्षेत्र पुनः ऊसर न हो पाये और उसमे बराबर फसलें होती रहे।
प्रमुख सचिव सिंचाई एवं परती भूमि विकास श्री दीपक सिंघल ने जल संचय की विशेष आवश्यकता पर बल देते हुए बीहड़ क्षेत्रों के विकास के लिए परियोजना की शेष अविध में अधिक से अधिक बीहड क्षेत्रों के सुधार को कराये जाने पर विशेष बल दिया।
रैप-अप बैठक में प्रबन्ध निदेशक भूमि सुधार निगम श्री विपिन कुमार द्विवेदी ने सोडिक तृतीय परियोजना के कार्यों से अवगत कराते हुए शेष दो वर्षों में प्रदेश में कृषि अनुपयोगी भूमि के विकास के लिए एकीकृत कार्यक्रम बनाकर कार्य करने का आश्वासन दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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