उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित चिकित्सा स्वास्थ्य, माध्यमिक शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, लघु उद्योग विभाग सहित पंचायती राज विभाग के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश की महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये अपने जनपद में लो कास्ट सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने हेतु व्यक्तिगत रुचि लेकर तत्परतापूर्वक कार्यवाही सुनिश्चित करायें, ताकि ग्रामीण महिलाओं को पुराने रुढि़वादी बंधनों और कुरीतियों से मुक्ति का मार्ग मिल सके। उन्होंने कहा कि जनपदों में सक्रिय पंचायत उद्योगों तथा अन्य स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से लो कास्ट एवं गुणवत्तायुक्त सेनेटरी नैपकिन के उत्पादन एवं विपणन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये, ताकि व्यापक स्तर पर महिलाओं को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि महिलाओं तथा किशोरियों को स्वस्थ रखने तथा उन्हें संक्रमण से बचाने के लिये इस कार्यक्रम को अधिक गति प्रदान की जाये, ताकि प्रदेश की समस्त महिलाओं को सस्ते मूल्य पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के साधन के रूप में नेपकिन उत्पादन का प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी आमदनी में अधिक वृद्धि भी सुनिश्चित करायी जाये।
मुख्य सचिव कल शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पंचायत उद्योगों के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन के उत्पादन सम्बन्धी बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में प्रत्येक मण्डल में मण्डल मुख्यालय के जनपद में सेनेटरी नैपकिन उत्पादन इकाई को माॅडल रूप में प्रारम्भ किया जाये। उन्होंने कहा कि मण्डल मुख्यालय के जनपद में कोई पंचायत उद्योग सक्रिय न होने की स्थिति पर अन्य संस्था के माध्यम से भी इस कार्यक्रम को प्रारम्भ करने की संभावना देखी जाये। उन्होंने कहा कि कोई अन्य संस्था भी इस योग्य न पाये जाने की स्थिति पर मण्डल के किसी अन्य जनपद में जहां पंचायत उद्योग सक्रिय हो योजना प्रारम्भ कराने पर गंभीरता से विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि सक्रिय पंचायत उद्योगों को सेनेटरी नैपकिन के उत्पादन हेतु मशीन क्रय करने तथा एक वर्ष के लिये कच्चे माल की व्यवस्था हेतु 03 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि यथाशीघ्र स्वीकृत कराना सुनिश्चित किया जाये।
श्री रंजन ने पंचायत उद्योग द्वारा निर्मित गुणवत्तायुक्त सेनेटरी नैपकिन के क्रय हेतु कारागार, शिक्षा, समाज कल्याण, बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सम्बन्धित विभागों को नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को दिये गये निर्देशों के क्रम में उपलब्ध धनराशि 20 करोड़ का 10 प्रतिशत अर्थात 02 करोड़ रुपये की धनराशि से सेनेटरी नैपकिन क्रय किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 33 जनपदों में पंचायत उद्योग के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन्स का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके सापेक्ष अभी तक मात्र 13 जनपदों कन्नौज, बाराबंकी, लखनऊ, महोबा, गोरखपुर, बदायूं, सीतापुर, गाज़ीपुर, कानपुर नगर, प्रतापगढ़, मेरठ, मिर्जापुर एवं आगरा द्वारा उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद पीलीभीत, कौशाम्बी एवं कासगंज में मशीन आ जाने के उपरान्त यथाशीघ्र उत्पादन प्रारम्भ कराने के साथ-साथ अवशेष जनपदों में भी शीघ्र उत्पादन की कार्यवाही प्रारम्भ करायी जाये, ताकि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार के साधन के रूप में नैपकिन उत्पादन का प्रशिक्षण के माध्यम से उनकी आय में अधिक वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं व किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाये तथा जागरूक करने के साथ-साथ विद्यालयों में किशोरावस्था की स्त्री वर्ग को मासिक धर्म के समय स्वच्छता प्रबंध के सम्बन्ध में शिक्षित कराया जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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