गत 18 सितम्बर, 2015 को नई दिल्ली में आयोजित एग्रीकल्चर लीडरशिप समिट 2015 में उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग को बेस्ट एनीमल हसबेंड्री एवार्ड 2015 मिला है।
यह जानकारी प्रदेश के पशुपालन मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में पहली बार पशुपालक विकास केन्द्रित योजनाओं को संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया। पिछले 65 वर्षों से स्थापित पशुधन विकास केन्द्रित नीति से इतर पशुपालक विकास केन्द्रित प्रयास वर्ष 2012 से सरकार द्वारा प्रारम्भ किए गए। पशुपालकों को अधिक से अधिक उच्च उत्पादकता वाले पशुओं को आधुनिक वैज्ञानिक विधियों का समावेश करते हुए पालन करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा कामधेनु, मिनी कामधेनु एवं माइक्रो कामधेनु योजनाएं प्रारंभ की गई। इसी प्रकार कुक्कुट के क्षेत्र में अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हेतु उद्यमिता विकास के दृष्टिकोण से कामर्शियल लेयर इकाइयों की स्थापना के कार्यक्रम लिए गए। कामधेनु एवं कुक्कुट पालन योजना अंतर्गत पशुपालकों एवं उद्यमियों को पांच वर्षों तक बैंक से लिए गए ऋण पर ब्याज की प्रतिपूर्ति एवं अन्य निवेश प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार की इन योजनाओं को पशुपालकों एवं कुक्कुट पालकों तथा उद्यमियों द्वारा हाथों-हाथ लिया गया है। प्रदेश में वर्तमान समय में 100 गाय/भैंसों की कामधेनु योजना तथा 50 गाय/भैंसों की मिनी कामधेनु योजना के साथ 25 गाय/भैंसों की माइक्रो कामधेनु योजना संचालित की जा रही है। कामधेनु योजनांतर्गत 100 गाय/भैंस क्षमता की 241 इकाइयां स्वीकृत हो चुकी हैं तथा 162 इकाइयां कार्यशील हंै। मिनी कामधेनु योजनांतर्गत 50 गाय/भैंस की 1335 इकाइयां स्वीकृत हो गई हैं तथा 850 इकाइयां कार्यशील हंै। कुक्कुट विकास नीति अंतर्गत 30 हजार पक्षी क्षमता की अंडा उतपादक इकाइयांें तथा 10 हजार पक्षी क्षमता की ब्रायलर पैरेण्ट चूजा उत्पादन इकाईयों की स्थापना हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि कुक्कुट नीति अंतर्गत कामर्शियल लेयर यूनिट (30,000 पक्षी क्षमता प्रति इकाई) की 117 इकाइयां स्वीकृत हो चुकी हैं जिसमें 78 इकाइयां कार्यशील हो गई हैं।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पशुपालन एवं कृषि क्षेत्र में लिए गए नीतिगत निर्णयों तथा नई सोच के साथ नई पहल को व्यापक सराहना मिली है। इसी नई सोच एवं नई पहल के अंतर्गत दूरगामी नीतिगत परिवर्तनों को लागू करने के दृष्टिगत एग्रीकल्चर लीडरशीप एवार्ड 2015 में उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग को ‘बेस्ट एनीमल हसबेन्ड्री स्टेट एवार्ड‘ हेतु चुना गया। उन्होंने बताया कि दिनांक 18 सितम्बर, 2015 को नई दिल्ली में भारतीय हरित क्रान्ति के प्रणेता प्रोफेसर एम.एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में आयोजित एग्रीकल्चर लीडरशिप समिट 2015 में उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग को बेस्ट एनीमल हसबेन्ड्री स्टेट पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में श्री रजनीश गुप्ता, आई.ए.एस. प्रमुख सचिव, पशुधन, उत्तर प्रदेश को, गृह मंत्री, भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव ने प्रदेश मंे पशुपालन के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे पशुपालकोन्मुखी एवं उद्यमिता विकास संबंधी प्रयासों के बारे विस्तार से बताया गया।
श्री राजकिशोर सिंह ने बताया कि प्रदेश में इन योजनाओं के क्रियान्वयन से तीन लाख लीटर दूध एवं 21 लाख अंडे का प्रतिदिन अतिरिक्त उत्पादन हो रहा है तथा अब तक रु0 836 करोड़ का अतिरिक्त निवेश हो चुका है।
श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालन जैसे आधारभूत क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन वातावरण सृजित किए जाने से प्रदेश की पूरे देश में सराहना हो रही है तथा अन्य प्रदेश भी इन योजनाओं के माडल को अपनाना चाह रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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