भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार पर सूखे की चपेट में आये किसानों के प्रति संवेदनहीनता का आरोप लगाया। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा की मोदी सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाने में जुटे सपाई क्यों नहीं सूखा प्रभावित जिलो को डीजल में सब्सिडी सहित अन्य सुविधायें मुहैया कराते। उन्होंने कहा अखिलेश सरकार ने कहा था कि वैट की दरे पड़ोसी राज्यों समान करेंगे। पर यहां तो किसानों को मिलने वाला डीजल 50.17 रूपये में मिल रहा है जबकि यही डीजल दिल्ली में 44.45 रूपये में है, यानि उ0प्र0 में लगभग 6 रूपये मंहगा डीजल खरीदना पड़ रहा है।
राज्य में उत्पन्न सूखे की परिस्थिति पर चर्चा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सूखे का आकलंन कर केन्द्र को रिपोर्ट भेजने का समय अगस्त में ही खत्म हो चुका है किन्तु राज्य सरकार ने अब तक सूखे का आंकलन कर केन्द्र को अपनी रिपोर्ट भेजना तक जरूरी नहीं समझा। यहां तक की मोदी सरकार द्वारा सूखा प्रभावित जिलों के किसानों को डीजल पर सब्सिडी देने का कई बार फरमान जारी किया, पर राज्य के आला अफसर किसानों के हित में लिये गये फैसले को ही दबा दिया।
उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार खुद यह स्वीकार कर चुकी है कि राज्य में लगभग एक दर्जन से अधिक जिलो में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है जबकि 2 दर्जन से अधिक जिलों में 60 प्रतिशत से भी कम बारिश के समाचार है। सूखे के कारण परेशान किसानो बिलख रहा है, लेकिन राज्य सरकार बेपरवाह हो किसान वर्ष मनाने के दांवे तो कर रही है। किन्तु किसान वर्ष में किसान खुशहाल हो इस दिशा में प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी अखिलेश सरकार ने किसानों को राहत दिलाने के लिए केन्द्र सरकार को काफी देर में रिपोर्ट प्रेषित की थी और उसमें तमाम खामियां थी वही हाल इस वर्ष भी हो रहा है। राज्य सरकार को अगस्त के अंत तक 50 प्रतिशत से कम बारिश वाले जिलों सूखाग्रस्त घोषित करते हुए अपने रिपोर्ट केन्द्र को भेजनी थी, राज्य सरकार की भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर ही केन्द्र सरकार किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी देता। लेकिन राज्य आपदा विभाग ने सूखे को लेकर कोई भी रिपोर्ट अब तक केन्द्र सरकार को नहीं भेजी है।
श्री पाठक ने कहा कि बात-बात में केन्द्र की मोदी सरकार पर राज्य की उपेक्षा का आरोप लगाने वाले राज्य सरकार के मंत्री अपने काम-काज को भी देखे आखिर राजस्व विभाग को जो काम करना था उस दिशा में समय से प्रयास नहीं हुए तो इसके लिए भी क्या केन्द्र की मोदी सरकार दोषी है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सच तो यह है कि केन्द्र की योजनाओं का लाभ राज्य की जनता को मिले इसमें सबसे बड़ी बाधक अखिलेश सरकार की कार्यशैली है पिछले वर्ष भी सूखा राहत का पैसा सरकार उसी वित्तीय वर्ष में बांट नहीं पायी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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