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प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों को अस्पतालों का निरीक्षण कर प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित कराना होगा कि प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही चिकित्सा सुविधायें आम नागरिकों को प्रत्येक दशा में प्राप्त हों: मुख्य सचिव

Posted on 16 September 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों का निरीक्षण कर प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करायें कि प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही चिकित्सा सुविधायें आम नागरिकों को प्रत्येक दशा में प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य को जनपद गोरखपुर एवं सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग जनपदों में जाकर अस्पतालों का निरीक्षण कर आख्या प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वरिष्ठ अधिकारियों को निरीक्षण हेतु आवंटित जनपदों की सूची तत्काल उपलब्ध कराते हुए निरीक्षणोपरान्त निरीक्षण आख्या भी उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं सफाई आदि की व्यवस्था को अवश्य संज्ञान में लिया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि किसी भी अस्पताल में मरीजों को समुचित इलाज की सुविधा न मिलने पर सम्बन्धित चिकित्सकों को चिन्हित कर दण्डित किया जाये। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रत्येक जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह में कम से कम एक अस्पताल का निरीक्षण कर निरीक्षण आख्या भेजनी होगी। उन्होंने कहा कि मरीजों को अस्पतालों में गाइड कर आवश्यकतानुसार निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु शिक्षित मैनैजरों की तैनाती भी करने पर विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाये कि अस्पतालों में इलाज हेतु उपकरणों की मरम्मत भी निर्धारित अवधि में अवश्य कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 17 जनपदों में निर्माणाधीन रोगी आश्रय स्थलों का निर्माण निर्धारित अवधि में गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये ताकि रोगियों के साथ आने वाले तीमारदारों को ठहरने में कोई असुविधा न होने पाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नर्सों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए रिक्त पदों को भरने हेतु आवश्यकतानुसार सेवा नियमावली में परिवर्तन किये जाने की कार्यवाही समय से सुनिश्चित कराकर सक्षम स्तर से अनुमोदन प्राप्त किया जाये। उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज सम्बन्धी परीक्षणों को समय से सुनिश्चित कराने हेतु अस्पताल के लैबों को 24 घन्टे क्रियान्वित कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में स्वीकृत 84 आयुष विंगों के सापेक्ष 57 पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष आयुष विंगों को यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि मण्डलीय अस्पतालों में डायलिसिस केन्द्रों को यथाशीघ्र क्रियान्वित कराने हेतु आवश्यक कार्यों को आगामी 01 माह में अवश्य पूर्ण करा लिया जाये।
श्री रंजन ने जनपद आजमगढ़, गोण्डा, रायबरेली, सीतापुर एवं हरदोई के जिला चिकित्सालयों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 के निर्माण हेतु आवश्यक भूमि चिन्हित हो जाने के फलस्वरूप निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य को गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराया जाये। उन्होंने कहा कि ए0ई0एस0 एवं जे0ई0 रोगियों के लिए सीरम/सी0एस0एफ0 नमूनों की जांच के लिए प्रदेश के 17 संवेदनशील जनपदों के जिला चिकित्सालयों में जे0ई0 सेन्टीनल प्रयोगशालाओं को क्रियाशील कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0 एवं एस0जी0पी0जी0आई0 में जे0ई0 विषाणु के अतिरिक्त मस्तिष्क ज्वर के अन्य कारकों की पहचान हेतु प्रयोगशालाओं में मरीजों की जांचे प्राथमिकता से कराई जाये। उन्होंने कहा कि गोरखपुर मण्डल के समस्त जनपदों में जन-जागरूकता अभियान ब्लाक स्तर तक चलाकर ए0ई0एस0/जे0ई0 रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु सघन प्रचार-प्रसार कर जनता को जागरूक किया जाये।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अरविन्द कुमार ने बताया कि वर्ष 2015-16 में विगत माह जुलाई तक प्रदेश के 37 जनपदों में कुल 709282 बच्चों को नियमित टीकाकरण जे0ई0 वैक्सीन से अच्छादित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में जे0ई0 टीकाकरण हेतु लखनऊ डिपों पर 4.14 लाख, वाराणसी डिपों पर 3.35 लाख एवं गोरखपुर डिपो 1.12 लाख जे0ई0 वैक्सीन उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि जनपद गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर एवं सन्तकबीरनगर के कुल 36 ब्लाकों में 15 से 65 वर्ष तक की आयु वर्ग तक के व्यक्तियों का जे0ई0 टीकाकरण माह अक्टूबर, 2015 तक कराये जाने हेतु 47 लाख वैक्सीन डोज उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि विगत 2014 की तुलना में वर्ष 2015 में विगत 09 सितम्बर तक मस्तिष्क ज्वर (ए0ई0एस0) रोग के रोगियों एवं इसके कारण हुई मृत्यु की संख्या में कमी आई है। उन्होंने बताया कि रोग मृत्यु दर विगत वर्ष 19.80 प्रतिशत के सापेक्ष मात्र 13.32 प्रतिशत रही है जो जनपद स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही त्वरित एवं समुचित उपचार व्यवस्था के कारण संभव हुआ है।
बैठक में सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य श्री अरविन्द नारायण मिश्रा एवं महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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