उ0प्र0 भूमि सुधार निगम द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से चलायी जा रही सोडिक तृतीय परियोजना की समीक्षा एवं उपलब्धियों को देखने के लिए विश्व बैंक प्रतिनिधियों का दस सदस्यीय दल प्रदेश के भ्रमण पर लखनऊ पहुँचा। विश्व बैंक के सदस्य प्रदेश में 2 सप्ताह तक 29 जिलों में चलाई जा रही सोडिक तृतीय परियोजना की समीक्षा एवं विभिन्न जिलों में हो रहे कार्यो को देखेगें।
प्रबन्ध निदेशक श्री विपिन कुमार द्विवेदी, आई0ए0एस0 की अध्यक्षता में संयुक्त प्रबन्ध निदेशक डाॅ बी0पी0 सिंह द्वारा परियोजना द्वारा किये जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
विश्व बैंक प्रतिनिधि मंडल में टास्क टीम लीडर श्री बायरसेहान तुमरदावा के अतिरिक्त सर्वश्री रंजन सामन्तरे, सह टास्क टीम लीडर, डा0 पाॅल सिद्धू (वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ), आर0 पाठक (जल निकास विशेषज्ञ), मैरी मुटू स्वामीनाथन, (पशुपालन विशेषज्ञ), शंकर नरायन (सामाजिक विकास विशेषज्ञ ), अनुपम जोशी व दुष्यन्त कुमार (पर्यावरण विशेषज्ञ), शंकर लाल व सुश्री गीता दासानी (प्रोक्यूरमेन्ट विशेषज्ञ), अरविन्द मन्था (वित्त विशेषज्ञ) और रोहित गावरी (सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ) निगम मुख्यालय पधारे।
विश्व बैंक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के अलग-अलग जिलों-सुल्तानपुर, लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, फर्रूखाबाद, कन्नौज, एटा, मैनपुरी, इटावा, कानपुर और उन्नाव में ऊसर सुधार परियोजना का भ्रमण करेगा। परियोजना क्षेत्र में प्रतिनिधि मंडल इस वर्ष के चयनित ग्रामों में ऊसर सुधार सम्बन्धी प्रक्षेत्र विकास तथा विगत वर्ष के ग्रामों में ऊसर सुधार के बाद फसल उत्पादन के लिए लगायी गयी पहली फसल धान को देखेगा। प्रतिनिधि मंडल को सोडिक तृतीय परियोजना के अन्तर्गत ऊसर भूमि सुधार के साथ निगम के सहयोग से महिला समूहों द्वारा किया जा रहा बकरी पालन, अगरबत्ती, मिठाई डिब्बा, दोना पत्तल बनाने, दुधारू पशुपालन व सब्जी की खेती सम्बन्धी उद्योग एवं व्यवसाय आदि भी दिखाये जायेंगे।
प्रतिनिधि मंडल परियोजना क्षेत्र में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन, कृषक संगठन व कृषकों द्वारा गठित उत्पादक कम्पनियों का भी अध्ययन करेगा।
विश्व बैंक का यह प्रतिनिधि मंडल 22 सितम्बर तक परियोजना का भ्रमण कर प्रमुख उपलब्धियों का आंकलन करेगा। प्रतिनिधि मंडल द्वारा बीहड़ सुधार कार्यक्रम के लिए तैयार की गयी परियोजना को लागू करने के लिए जनपद फतेहपुर व कानपुर में बीहड़ सुधार कार्यक्रम देख कर अपने सुझाव देगा।
निगम द्वारा सोडिक तृतीय परियोजना के अन्र्तगत अब तक 107999 हे0 ऊसर भूमि का सुधार कर फसल उत्पादन के अन्र्तगत लाया गया है। इस परियोजना में लगभग 249244 कृषक लाभान्वित हुए हैं। लाभान्वित कृषकों में लगभग 93 प्रतिशत लघु सीमान्त तथा अनुसूचित जाति के लाभार्थी हैं।
सोडिक तृतीय परियोजना में ऊसर सुधार के साथ-साथ कानपुर व फतेहपुर जिले में बीहड़ सुधार पायलेट परियोजना चलायी जा रही है, जिसमें 5000 हे0 लक्ष्य के सापेक्ष 8679 हे0 बीहड़ भूमि का सुधार कर 12947 कृषकों को लाभान्वित किया गया है।
परियोजना द्वारा कृषकों को नकद सहायता के साथ-साथ एक वर्ष तक फसल उत्पादन के लिए सी व बी श्रेणी के कृषकों को बीज उर्वरक मुफ्त दिया जाता है। परियोजना के अन्तर्गत चयनित प्रत्येक गांव में महिला स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाता है, जिन्हें उद्योग व्यवसाय और सेवा क्षेत्र से जोड़ कर आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए प्रेरित किया जाता है। परियोजना द्वारा प्रदेश मंे पहली बार कृषकों को उत्पादक समूह, संगठन और उत्पादक कम्पनी के रूप में संगठित कर कृषि के लिए निवेश और विपणन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। कृषकों को गाँव के निकट क्रय-विक्रय की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए परियोजना के अन्तर्गत सोडिक हाॅट बनायी जा रहीं हैं, जहाँ पर कृषक अपने उत्पाद बेचने के साथ-साथ रोजमर्रा की जरूरतों की खरीद-फरोख्त भी करते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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