मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज हिन्दी दिवस के अवसर पर यहां उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में प्रख्यात साहित्यकार श्री काशीनाथ सिंह सहित हिन्दी साहित्य से जुड़े देश एवं विदेश के विद्वानों को सम्मानित किया। श्री काशीनाथ सिंह को 05 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र तथा गंगा जी की प्रतिमा देकर ‘भारत-भारती सम्मान’ से अलंकृत किया गया, जबकि श्रीमती मृदुला गर्ग को 04 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र तथा गंगा जी की प्रतिमा देकर ‘लोहिया साहित्य सम्मान’ प्रदान किया गया। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने श्री काशीनाथ सिंह सहित सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि इन्हीं लोगों के प्रयास से हिन्दी का देश एवं विदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। समाजवादी सरकारों द्वारा हिन्दी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन एवं प्रगति के लिए हमेशा विशेष प्रयास किए गए। आदरणीय नेताजी स्वयं हिन्दी कवि सम्मेलनों एवं हिन्दी साहित्य से जुड़ी परिचर्चाओं में श्रोता के रूप में उपस्थित होने में गर्व का अनुभव करते हैं।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार जब सत्ता में आयी, उस समय हिन्दी संस्थान की स्थिति काफी खराब थी। इसकी गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं, लेकिन वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह के प्रयासों के चलते यह संस्थान, हिन्दी साहित्य के विकास का मुख्य केन्द्र बन गया है। हिन्दी दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हिन्दी पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रतिभाओं एवं राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को एक स्थान पर बैठकर हिन्दी के विकास के लिए आवश्यक विचार-विमर्श करने का मौका मिलता है।
मुख्यमंत्री ने हिन्दी के प्रसार-प्रचार में टी0वी0 चैनलों सहित अन्य जनसंचार साधनों का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले समय में हिन्दी का प्रसार और अधिक तेजी से होगा। तमाम विकसित देशों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी भाषा में काम करने वाले देश ही तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े हैं। उन्होंने तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में भी हिन्दी के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया, जिससे आने वाली पीढ़ी का स्वाभाविक विकास हो और वह अपनी मातृ भाषा में सोचने एवं समझने की क्षमता विकसित कर सकें।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने ‘हिन्दी गौरव सम्मान’ के लिए श्री विनोद कुमार शुक्ल, ‘महात्मा गांधी साहित्य सम्मान’ के लिए डाॅ0 कृष्ण बिहारी मिश्र,
‘पं0 दीन दयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान’ के लिए प्रो0 अभिराज राजेन्द्र मिश्र, ‘अवंतीबाई साहित्य सम्मान’ के लिए डाॅ0 राम कृष्ण राजपूत तथा ‘राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन सम्मान’ के लिए कर्नाटक हिन्दी प्रचार समिति, बंगलूरू को क्रमशः 04-04 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र एवं गंगा जी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। श्री विनोद कुमार शुक्ल तथा डाॅ0 कृष्ण बिहारी मिश्र अस्वस्थता के कारण उपस्थित नहीं थे। इसलिए उनके द्वारा नामित व्यक्ति को उनका पुरस्कार दिया गया।
मुख्यमंत्री ने श्री प्रताप दीक्षित, डाॅ0 पुष्पा भारती, श्री राज कृष्ण मिश्र, डाॅ0 राम कठिन सिंह, डाॅ0 रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’, डाॅ0 रमा सिंह, श्री कमल नयन पाण्डेय, श्री मोहनदास नैमिशराय, श्री बलराम तथा श्री उमा शंकर सिंह यादव ‘पथिक’ को 02-02 लाख रुपए का चेक, प्रशस्ति पत्र एवं उत्तरीय देकर ‘साहित्य भूषण सम्मान’ से नवाजा।
इस मौके पर श्री राधा गोविन्द पाठक को ‘लोक भूषण सम्मान’, श्रीमती वेदा राकेश को ‘कला भूषण सम्मान’, डाॅ0 ओम प्रकाश मिश्र को ‘विद्या भूषण सम्मान’, प्रो0 यतीश अग्रवाल को ‘विज्ञान भूषण सम्मान’, श्री विष्णु नागर को ‘पत्रकारिता भूषण सम्मान’, श्रीमती पुष्पा सक्सेना (यू0एस0ए0) को ‘प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान’, डाॅ0 चक्रधर नलिन को ‘बाल साहित्य भारती सम्मान’, डाॅ0 भाल चन्द्र तिवारी को ‘मधुलिमये साहित्य सम्मान’ के तहत 02-02 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय एवं प्रशस्ति पत्र देकर अलंकृत किया। स्व0 श्री यज्ञ शर्मा का ‘पं0 श्री नारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान’ उनकी पत्नी श्रीमती सुधा शर्मा ने प्राप्त किया।
इसी प्रकार डाॅ0 हनुमान प्रसाद गुप्त को ‘विधि भूषण सम्मान’ तथा डाॅ0 तरसेम गुजराल (पंजाबी), प्रो0 गजानन चव्हाण (मराठी), श्री जगमल सिंह (मणिपुरी), डाॅ0 विजय कुमार महांति (उडि़या), डाॅ0 ए0 भवानी (तमिल), श्री कृष्ण शर्मा (डोगरी), डाॅ0 गौरी शंकर रैणा (कश्मीरी), श्री मासूम गाजियाबादी (उर्दू), डाॅ0 एम0 रंगय्या (तेलुगु), डाॅ0 के0एम0 मालती (मलयालम), श्री कीर्ति नारायण मिश्र (मैथिली) एवं डाॅ0 रेवा प्रसाद द्विवेदी (संस्कृत) को 02-02 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय एवं प्रशस्ति पत्र देकर ‘सौहार्द सम्मान’ से अलंकृत किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डाॅ0 हेमराज सुन्दर (माॅरिशस) एवं श्री सुरेश चन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ (नाॅर्वे) को 01-01 लाख रुपए का चेक, उत्तरीय एवं प्रशस्ति पत्र देकर ‘हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान’ से सम्मानित किया। जबकि डाॅ0 विनोद जैन तथा डाॅ0 सुधीर कुमार शुक्ला को 50-50 हजार रुपए का चेक, उत्तरीय एवं प्रशस्ति पत्र देकर ‘विश्वविद्यालय स्तरीय सम्मान’ से नवाजा। इसके अलावा उन्होंने 28 विभिन्न पुरस्कारों से वर्ष 2014 में प्रकाशित पुस्तकों पर इनके लेखकों को नामित पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके तहत 50-50 हजार रुपए का चेक, उत्तरीय एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इनमें सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अपर निदेशक श्री रवि शंकर पाण्डेय को उनकी पुस्तक ’भूख के भूगोल में’ के लिए ‘निराला पुरस्कार’ तथा उप निदेशक सुश्री गज़ाल जैगम को ‘मधुबन में राधिका’ पुस्तक के लिए ‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’ भी शामिल है।
विधान सभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि साहित्य सृजन से भाषा और अधिक परिमार्जित होती है। हिन्दी का प्रसार बढ़ रहा है। इसके बावजूद हिन्दी को जो सम्मान मिलना चाहिए, अभी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने रूस, जापान एवं जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में विकसित यह राष्ट्र अपनी भाषा में शिक्षा की व्यवस्था करके इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि विभिन्न पुरस्कारों के लिए उपयुक्त पात्र का चुनाव एक कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। वर्ष 2014 के लिए विद्वानों का निष्पक्षता से चयन किया गया है। उन्होंने संस्थान की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व में प्रकाशित हो रही 02 पत्रिकाएं, जिन्हें वर्तमान सरकार से पूर्व बंद कर दिया गया था, को पुनः शुरू किया गया, जिसका साहित्य जगत द्वारा स्वागत किया गया। अस्वस्थ साहित्यकारों के इलाज एवं आर्थिक रूप से कमजोर लेखकों की कृतियों के प्रकाशन के लिए भी उदारतापूर्वक मदद दी गई।
इस मौके पर ‘भारत-भारती सम्मान’ से सम्मानित श्री काशीनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस मंच द्वारा हिन्दी साहित्यकारों के साथ-साथ उन वैज्ञानिकों और विधि विशेषज्ञों को भी सम्मानित किया गया, जो अपने-अपने क्षेत्र में हिन्दी के माध्यम से प्रचार-प्रसार में लगे हैं। उन्होंने इस समारोह को भाषा एवं साहित्य का मिला-जुला कार्यक्रम बताते हुए कहा कि लेखक प्रदेश की सीमाओं से बाहर है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के परिदृश्य में आज के इस कार्यक्रम को अत्यन्त सफल, उत्साहवर्धक एवं संवेदनशील बताते हुए कहा कि हिन्दी की ताकत राजनीति सहित सभी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है।
धन्यवाद ज्ञापन उ0प्र0 हिन्दी संस्थान के निदेशक डाॅ0 सुधाकर अदीब ने किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव भाषा श्री किशन सिंह अटोरिया, बड़ी संख्या में साहित्य जगत से जुड़े लोग एवं सम्मानित विद्वानों के परिजन उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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