Categorized | लखनऊ.

हिन्दी भाषा के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं का विकास भी हो - श्री अखिलेष यादव

Posted on 15 September 2015 by admin

उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान के तत्त्वावधान में सम्मान समारोह का आयोजन यषपाल सभागार, हिन्दी भवन, लखनऊ में किया गया। श्री अखिलेष यादव,       मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेष एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान ने सभा अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय श्री उदय प्रताप सिंह के निर्देशन में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह के गौरव को बढ़ाया।
मा0 श्री अखिलेष यादव जी, सभाध्यक्ष मा0 कार्यकारी अध्यक्ष श्री उदय प्रताप सिंह जी एवं डाॅ0 सुधाकर अदीब, निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान सहित अन्य मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्पण के उपरान्त प्रारम्भ हुए कार्यक्रम में भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय की छात्रा सुश्री कीर्ति लता, पूजा पाण्डेय, शिवानी एवं श्रृति द्वारा वाणी वन्दना की प्रस्तुति की गयी। हारमोनियम पर श्री रविराज शंकर एवं तबले पर श्री अनिल त्रिपाठी ने संगत की।
अभ्यागतों का स्वागत करते हुए श्री उदय प्रताप सिंह, मा0 कार्यकारी अध्यक्ष, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने कहा - यह हिन्दी दिवस हमारे लिए गणतन्त्र दिवस की भांति है। गणतन्त्र दिवस पर हम देश की प्रगति की झाँकी देखते है। आज यहाँ हम हिन्दी के विकास की झाँकी देखने को एकत्रित है। हिन्दी के इस विकास में आप जैसे विद्वान मनीषियों और साहित्यकारों का विशेष योगदान है। आप सब की उपस्थिति से अत्यन्त प्रसन है। हमें परम सन्तोष है कि पुरस्कारों के सम्बन्ध में हमारे चयन की प्रक्रिया पारदर्शी और नियमानुकूल है। यह अत्यन्त प्रसनता का विषय है कि इस बार पुरस्कार समिति के चयन पर मा0 मुख्यमंत्री जी ने भी व्यक्तिगत रूप से संन्तोष व्यक्त करते हुए हमारा मान बढ़ाया है। क्यांेकि वर्ष 2014 के सम्मानों एवं पुरस्कारों के सम्बन्ध में कोई प्रतिकूल टिप्पणी न तो मीडिया या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा व्यक्त की गयी है। इसका अर्थ यह माना जा सकता है कि हमारी पारदर्शी चयन प्रक्रिया पर सभी को विश्वास है और आप सबका यह विश्वास हमारा मनोबल बढ़ाता है।
संस्थान से प्रकाशित हो रही ‘बच्चों की प्रिय पत्रिका बालवाणी’ संस्थान की वेबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध थी, अब ‘साहित्य भारती’ पत्रिका भी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गयी है।
साहित्य भारती त्रैमासिक पत्रिका के वर्ष 2015 में अभी तक तीन विशेषांक निराला, महाकाव्य एवं अमृतलाल नागर पर केन्द्रित प्रकाशित हुये हैं। जिन्हें पाठकों एवं विद्वानों की विशेष सराहना मिली है। अगामी दो अंक उपन्यास एवं कहानी विशेषांक के रूप में प्रकाशित करने की योजना है।
सभा अध्यक्ष मा0 मुख्यमंत्री, श्री अखिलेष यादव जी तथा मा0 कार्यकारी अध्यक्ष, श्री उदय प्रताप सिंह हिन्दी संस्थान ने भारत भारती सम्मान से श्री काशीनाथ सिंह का उत्तरीय, गंगाजी की प्रतिमा, ताम्रपत्र व पाँच लाख दो हजार रुपये की धनराशि भेंट कर सम्मानित किया। लोहिया साहित्य सम्मान से श्रीमती मृदुला गर्ग, हिन्दी गौरव सम्मान से श्री विनोद कुमार शुक्ल, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से डाॅ0 कृष्ण बिहारी मिश्र, पं0 दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान से प्रो0 अभिराज राजेन्द्रमिश्र, अवन्तीबाई साहित्य सम्मान से डाॅ. रामकृष्ण राजपूत को सम्मानित करते हुए उत्तरीय, गंगाजी की प्रतिमा, ताम्रपत्र तथा चार लाख रुपये की धनराशि भेंट की गयी। साहित्य भूषण सम्मान से
श्री प्रताप दीक्षित, डाॅ. पुष्पा भारती, श्री राजकृष्ण मिश्र, डाॅ0 राम कठिन सिंह, डाॅ0 रंगनाथ मिश्र ‘सत्य‘, डाॅ0 रमा सिंह, श्री कमल नयन पाण्डेय, श्री मोहनदास नैमिशराय, श्री बलराम, श्री उमाशंकर सिंह यादव ‘पथिक’ को प्रदान किया जायेगा। लोक भूषण सम्मान से  श्री राधा गोविन्द पाठक, कला भूषण सम्मान से श्रीमती वेदा राकेश, विद्या भूषण सम्मान से डाॅ. ओम् प्रकाश मिश्र, विज्ञान भूषण सम्मान से  प्रो. यतीश अग्रवाल, पत्रकारिता भूषण सम्मान से श्री विष्णु नागर, प्रवासी भारतीय हिन्दी भूषण सम्मान से डाॅ0 पुष्पा सक्सेना, बाल साहित्य भारती सम्मान से डाॅ. चक्रधर नलिन, मधुलिमये साहित्य सम्मान से डाॅ. भालचन्द्र तिवारी, पं0 श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान से   श्री यज्ञ शर्मा, विधि भूषण सम्मान से डाॅ. हनुमान प्रसाद गुप्ता समादृत होंगे। हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान डाॅ0 हेमराज सुन्दर तथा श्री सुरेषचन्द्र शुक्ल ‘षरद आलोक‘ एवं विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान डाॅ0 विनोद जैन एवं डाॅ0 सुधीर कुमार शुक्ला को प्रदान किया गया। राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन सम्मान से प्रधान सचिव कर्नाटक हिन्दी प्रचार समिति, बेंगलूर सम्मानित किया गया।
वर्ष 2014 में प्रकाशित पुस्तकांे पर देय नामित पुरस्कार से श्री भगवती प्रसाद द्विवेदी, आचार्य सूर्य प्रसाद शर्मा ‘निशिहर’, डाॅ. अर्जुन तिवारी, श्री लक्ष्मन दास रायक्वार, श्री त्रिवेनी प्रसाद दूबे ‘मनीष’, श्री सुरेश कुमार शुक्ल ‘सन्देश’, डाॅ. राम बोध पाण्डेय, डाॅ. शोभा अग्रवाल ‘चिलबिल’, डाॅ. बी. नाज, डाॅ. गोपाल कृष्ण शर्मा ‘मृदुल’, डाॅ. चन्द्र प्रकाश शुक्ल, श्री रोशन प्रेमयोगी, श्री हरिनारायण तिवारी, श्री आनन्द कुमार सिंह, डाॅ. रमाकान्त कुशवाहा ‘कुशाग्र’, डाॅ. अमलदार ‘नीहार’, श्री रविशंकर पाण्डेय, श्री जय प्रकाश त्रिपाठी, श्री विजय चितौरी, डाॅ. ओउम प्रकाश शर्मा, श्री विवेक मिश्र, श्री जितेन्द्रकुमार सिंह ‘संजय’, डाॅ. आद्याप्रसाद द्विवेदी, श्री केशव प्रसाद वाजपेयी, श्री विजय रंजन, सुश्री ग़ज़ाल जैग़म, श्री महेशचंद्र द्विवेदी एवं श्री श्रीप्रकाश शुक्ल को उत्तरीय, प्रशस्ति पत्र व चालीस हजार रुपये धनराशि भंेट कर पुरस्कृत किया गया।
भारत भारती सम्मान से सम्मानित श्री काषीनाथ सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा - यह पहला आयोजन है जिसमें साहित्यकार, कवि, कहानीकार, नाटककार का मिलाजुला साहित्यिक संगम है। हिन्दी अन्तर्राष्टीय भाषा घोषित हो सकती है। संस्थान द्वारा जितने भी विद्वान पुरस्कृत हुए हैं उन्हें धन्यवाद व्यक्त करता हूँ। हिन्दी लोकतंत्र की भाषा आज नहीं तो कल बन कर रहेगी। हिन्दी

उपभोक्तावाद को उत्पन्न किया है। स्वतंत्रता की लडाई हिन्दी माध्यम से लड़ी गयी थी। हमें तकनीकि शब्दों के बजाये बोलियों के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
समारोह के सभा अध्यक्ष मा0 श्री अखिलेष यादव, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेष एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेष हिन्दी संस्थान ने अपने उद्बोधन में कहा - मैं साहित्यकारों एवं बुद्धजीवियों का आभार प्रकट करता हूँ हिन्दी संस्थान को सजाने सवांरने एवं उनकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का अगर किसी ने प्रयास किया है तो उसका श्रेय मा0 उदय प्रताप सिंह को जाता है। मुझे खुशी है कि हिन्दी भाषा का चारों तरफ प्रचार-प्रसार हुआ है। हिन्दी बढ़ी है। हिन्दी आगे कैसे बढे़ इसके लिए समाजवादियों ने बहुत काम किया है। मैं समझता हूँ कि हिन्दी टेक्नोलाॅजी का भी स्थान ले पायेगी। हिन्दी भाषा के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं का विकास भी होगा। हिन्दी संस्थान के लिए जो भी जरूरी होगा सरकार उसमंे पूरा सहयोग करेगी।
विधान सभा अध्यक्ष, मा0 माता प्रसाद पाण्डेय जी ने कहा - हिन्दी को बढ़ाने के लिए 14 सितम्बर को हिन्दी संस्थान जो समारोह करता है उससे हिन्दी की विदेशों में भी अच्छा प्रचार-प्रसार हुआ है। हिन्दी के माध्यम से जब साहित्य का सृजन करेंगे तो हिन्दी आगे बढ़ेगी। यदि अन्य देश अपनी भाषा में विज्ञान का प्रयोग करते है तो क्या हम हिन्दी माध्यम से विज्ञान का प्रयोग नहीं कर सकते।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक, डाॅ0 सुधाकर अदीब ने आभार व्यक्त करते हुए कहा - सर्वप्रथम आप लोगों को हिन्दी दिवस की बधाई। मैं श्री काशीनाथ सिंह जी जिन्होंने अपनी कलम हिन्दी की विभिन्न विधाओं में चलाई उन्हें हार्दिक बधाई। मैं मा0 मुख्यमंत्री जी के साथ-साथ सभागार में उपस्थित सभी पत्रकारों एवं विद्वतजनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
समारोह का संचालन उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की प्रकाशन अधिकारी डाॅ0 अमिता दुबे द्वारा किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in