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छात्रों के साथ अभिभावकों की भी काऊिन्सलिंग का होना जरूरी

Posted on 24 February 2010 by admin

जरूरत से ज्यादा अपेक्षाओं और पढ़ायी के बोझ तले छात्रों में बढ़ रहे तनाव और आत्महत्याओं की घटनाओं में कमी लाने के लिये छात्रों के साथ-साथ उनके अभिभावकों की भी काऊिन्सलिंग का होना जरूरी है, ताकि बेहतर षिक्षा और भविश्य के लिये छात्रों एवं उनके अभिभावकों के बीच तारतम्य स्थापित हो सके और एक-दूसरे की मनोस्थिति को समझ कर अपने बच्चों के बेहतर भविश्य के रास्ते का निर्माण कर सकें। यहां जानकीपुरम विस्तार योजना में सोसायटी ऑफ कैरियर टेक्नोलॉजी (सोक्ट) के सेन्टर में `अभिभावकों की अपेक्षायें और छात्र´ विशय को लेकर हुयी संगोश्ठी में यह बातें संस्था के चेयरमैन व काऊन्सलर डा0 अगम दयाल ने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की अपेक्षाओं और दबाव के आगे छात्र अपनी इच्छाओं को दबाकर अरूचि विशयों में पढ़ायी करते है और जब आषानुरूप परिणाम सामने न आते देख छात्र या तो तनावग्रस्त हो जाते है और कुछ इस कदर अवसाद में पहंुच जाते है कि वह अपनी जीवन लीला तक समाप्त कर लेते है, तब अभिभावकों के लिये बहुत देर हो चुकी होती है। श्री दयाल ने संगोश्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि छात्रों के तनावग्रस्त होने या आत्महत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने की स्थितियां उत्पन्न हो इससे पहले अभिभावकों को चाहिए कि अपने छात्र बच्चों की मनोस्थिति को समझ कर उसके भविश्य के लिये कोई कदम उठाये न कि जबरन अपनी इच्छाओं को थोपना चाहिए। तनाव प्रबन्धन पर पुस्तकें लिख चुके संस्था के संस्थापन चेयरमैन श्री दयाल ने माना कि अधिकतर मामलों में अभिभावक और छात्र एक-दूसरे की मनोस्थिति को समझ नहीं पा रहे है, नतीजा षिक्षा में विफलता मिलने पर छात्रों में आत्महत्याओं की घटनायें निरन्तर बढ़ रही है, ऐसी स्थिति में जरूरी हो गया है कि बढ़ते तनाव और अवसादों में कमी लाने के लिये छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों की एक साथ काऊिन्सलिंग की आवष्यकता है। संगोश्ठी में सोक्ट के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावा अन्य कई लोग भी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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