मंत्रिपरिषद ने राजकीय निर्माण एजेन्सियों द्वारा किए जा रहे भवन निर्माण के कार्यों के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की वर्तमान में प्रभावी लागत सीमा को बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इसके तहत राजकीय निर्माण एजेन्सियों द्वारा किए जा रहे भवन निर्माण कार्यों के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की वर्तमान में प्रभावी लागत सीमा को दोगुना बढ़ाए जाने के लिए 12 फरवरी, 2013 के शासनादेश संख्या-ई-8-157 में निर्धारित लागत सीमा को संशोधित किया गया है।
संशोधन के अनुसार प्रथम श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम तथा कन्स्ट्रक्शन एण्ड डिजाइन सर्विसेज (उ0प्र0 जल निगम) के मानकीकृत/गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा पूर्व की भांति असीमित रखी गयी है। द्वितीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा विभाग, उ0प्र0 समाज कल्याण निर्माण निगम तथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये तथा गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये की गई है। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी की राजकीय निर्माण एजेन्सियों-उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन तथा उत्तर प्रदेश विधायन एवं निर्माण सहकारी संघ (पैकफेड) के मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तथा गैर मानकीकृत भवनों की लागत सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये की गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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