निर्यातकों के प्रोत्साहन हेतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पहली बार तैयार की गई निर्यात नीति उ0प्र0, 2015-20 को मंत्रिपरिषद ने प्रख्यापित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश देश के कतिपय ऐसे राज्यों में से एक है, जहां निर्यात संवर्धन के लिए प्रभावी कदम उठाने के उद्देश्य से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के नियंत्रणाधीन निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो का गठन किया गया है, जिसके द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन सम्बन्धी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। निर्यात नीति के माध्यम से निर्यात में तेजी और सतत् विकास के लिए उच्च परिणामजनक बुनियादी सुविधाओं का सृजन किया जाएगा। मौजूदा निर्यात परक उद्योगों पर ध्यान केन्द्रित कर उन्हें निर्यात करने के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान किया जाएगा। बेहतर निर्यात क्षमता वाले उत्पादों के उद्योगों को प्रोत्साहित करना तथा नई निर्यातोन्मुखी इकाइयों को प्रदेश में अपना आधार स्थापित करने हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ हस्तशिल्प, कालीन और हथकरघा वस्त्र जैसे पारम्परिक निर्यात क्षेत्रों में मूल्य संवर्धन और गुणात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हेतु प्रौद्योगिकी, डिजाइन विकास और कौशल उन्नयन की व्यवस्था भी इस नीति में की गई है। इस नीति से गैर परम्परागत क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्राॅनिक्स और साॅफ्टवेयर, सेवाओं, जैव प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में निर्यात की क्षमता बढ़ाने, फूलों की खेती, ताजे फल और सब्जियों, पशु उत्पाद, अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों और अनाज सहित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद के क्षेत्र में निर्यात क्षमता के विकास में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, इस नीति से निर्यात में निरंतर उन्नयन के लिए क्षमता विकास को प्रोत्साहित करने, मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने, विशेष टेªडों में मानव संसाधन प्रतिभा के पूल के विकास के लिए संस्थागत ढांचा प्रदान करने, निर्यात में निर्बाध विकास के लिए एक सरल, पारदर्शी और उत्तरदायी विनियामक वातावरण विकसित करने के साथ-साथ भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत प्रदेश के निर्यात प्रधान नगरों को ‘उत्कृष्टता के शहर’ योग्य बनाया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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