उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि गोमती नदी में निर्माणाधीन डायाफ्राम वाल तथा अन्य तट विकास कार्यों में तीव्र गति लाई जाये। उन्होंने कहा कि गांधी सेतु तथा एन0आर0 ब्रिज 469 के मध्य गोमती नदी के बांये तटबन्ध पर स्थित पुलिस चैकी (कार्यालय क्षेत्राधिकारी पुलिस) को दिये गये निर्देशों के अनुपालन में अन्यत्र यथाशीघ्र विस्थापित कराया जाये। उन्होंने मण्डलायुक्त लखनऊ को निर्देश दिए कि कल 13 अगस्त को सम्बन्धित विभागों की बैठक कर गोमती रिवर फ्रन्ट के कार्यों से सम्बन्धित समस्याओं का निराकरण कराना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गोमती रिवर फ्रन्ट के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हार्डिंग ब्रिज से गोमती वियर तक गोमती नदी केे दोनों किनारों पर स्थित तटबन्धों के मध्य की राजकीय भूमि सिंचाई विभाग के नाम दर्ज कराने हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि गोमती नदी के बांये तथा दांये किनारों के साथ गोमती बैराज से वीयर के मध्य थ्सवूमत ठमक तथा डनेपबंस थ्वनदजंपद बनाये जाने हेतु प्रस्तावित प्रस्ताव पर आवश्यक कार्यवाही समय से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि तटबन्धों के मध्य रिवर फ्रन्ट के अन्तर्गत विकसित स्थलों पर आवागमन की व्यवस्था के लिए विभिन्न स्थलों से रास्ता बनाने हेतु परामर्शदात्री संस्था ।म्ब्व्डए सिंचाई विभाग तथा जिला प्रशासन के साथ संयुक्त निरीक्षण कर चिन्हीकरण कर अग्रिम कार्यवाही अतिशीघ्र सुनिश्चित कराई जाये।
श्री रंजन ने निर्देश दिए कि निशातगंज पुल से हनुमान सेतु के मध्य डायाफ्राम वाल के कार्य की प्रगति में गति लाई जाये। उन्होंने कहा कि इण्टरसैप्टिंग ड्रेन का निर्माण आर0सी0 बाक्स कल्वर्ट के स्थान पर भ्क्च्म् की लाइनिंग युक्त आर0सी0सी0 पाईप से कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, मण्डलायुक्त लखनऊ श्री महेश कुमार गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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