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मुख्यमंत्री ने जी संगम चैनल के तत्वावधान में आयोजित ‘आधी आबादी-महिला सशक्तिकरण’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया

Posted on 11 August 2015 by admin

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मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। महिलाओं में शिक्षा का प्रसार करने, उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए संचालित योजनाओं के परिणाम अब आने लगे हैं। लेकिन अभी भी इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में जी संगम चैनल के तत्वावधान में आयोजित ‘आधी आबादी-महिला सशक्तिकरण’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने घर-परिवार से ही महिलाओं को सशक्त बनाने एवं उनके साथ समानता का व्यवहार करने पर बल देते हुए कहा कि समाज में तथाकथित तमाम बुद्धिमान भी ऐसा नहीं कर पाते।
समाजवादी विचारधारा में महिलाओं के विशिष्ट महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं द्वारा भूमि की रजिस्ट्री कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में छूट देने की व्यवस्था लागू की थी। इसी प्रकार को-आॅपरेटिव बैंक के लोन के ब्याज पर महिलाओं को छूट देने की व्यवस्था की गई। वर्तमान राज्य सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं संचालित की हैं, लेकिन इस दिशा में और अधिक कार्य करने की सम्भावना है। प्रदेश की आबादी को देखते हुए कोई योजना तब तक पूरी तरह सफल नहीं हो सकती, जब तक उसे बड़े पैमाने पर संचालित न किया जाए। इसके लिए पर्याप्त धनराशि एवं संसाधन की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित कर रही है। इसमें स्वैच्छिक संस्थाओं एवं समाजसेवियों की सक्रिय भागीदारी हो जाने पर इस कार्य को गति मिलेगी।
श्री यादव ने कहा कि परिवार की महिला मुखिया को सम्मान दिलाने के लिए ही समाजवादी पेंशन योजना की धनराशि उसके खाते में ही प्रेषित की जा रही है। गौरतलब है कि इस पेंशन योजना के तहत प्रदेश के लगभग 45 लाख परिवारों को आच्छादित किया गया है। महिलाओं को बेहतर शिक्षा और विकास का पर्याप्त अवसर देने वाला समाज ही तरक्की करता है। महिलाओं को सम्मान देने की परम्परा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय स्वैच्छिक संस्थाओं का भी सहयोग ले रही है।
मुख्यमंत्री ने ‘1090’ विमेन पावर लाइन की चर्चा करते हुए कहा कि इस व्यवस्था के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को मदद उपलब्ध कराई गई। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसकी क्षमता विस्तार पर विचार किया जाएगा ताकि प्रदेश के किसी भी कोने से फोन करने वाली महिला को इंतजार न करना पड़े। उन्होंने पुलिस महकमे की चर्चा करते हुए कहा कि जैसे हर संस्थान में अच्छे-बुरे लोग होते हैं, उसी प्रकार पुलिस में भी हैं। लेकिन अधिकांश लोग महिलाओं की मदद के लिए त्वरित कार्रवाई करते हैं। डायल-100, ‘1090’ विमेन पावर लाइन तथा आशा ज्योति केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं की अधिकांश समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक जनपद में महिलाओं की समस्याओं पर गौर करने के लिए वरिष्ठ पुलिस महिला अधिकारी को जिम्मेदार बनाए जाने के लिए भी कहा गया है। राजमार्गों एवं नगरों में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था तथा इसके संचालन की जिम्मेदारी भी महिला को देने पर भी विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से दूरियां घटी हैं। इसका फायदा भी महिलाओं को मिल रहा है। उन्होंने ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस के तहत संचालित एम्बुलेंस सेवा को सराहनीय एवं उपयोगी कदम बताते हुए कहा कि इसके फलस्वरूप लाखों को महिलाओं एवं नवजात बच्चियों को समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिली है। डायल-100 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस सेवा की तरह ही इस व्यवस्था को भी प्रभावी बनाया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर 10 से 15 मिनट में पुलिस मौके पर पहुंच सके। इस योजना के तहत लगभग 4,000 वाहनों को खरीदने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क लैपटाॅप वितरण में सर्वाधिक लड़कियों को देखकर उन्हें खुशी एवं संतोष का अनुभव होता है। निश्चित रूप से समाज में बदलाव आया है। शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अब आधी आबादी को आगे आने से कतई रोका नहीं जा सकता।
इससे पूर्व, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण के लिए जिन योजनाओं को संचालित किया है, उनके परिणाम काफी उत्साहवर्धक हैं। ‘1090’ विमेन पावर लाइन द्वारा अब तक लगभग 5 लाख से अधिक महिलाओं ने लाभ उठाया है। इस व्यवस्था की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें प्रभावित महिला से फीडबैक भी लिया जाता है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। महिलाओं को आॅनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए एक वेबसाइट की भी व्यवस्था की गई है। महिला सम्मान कोष के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। विभिन्न जनपदों में आशा ज्योति केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है, जहां एक ही छत के नीचे महिलाओं की समस्याओं के समाधान की व्यवस्था होगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री जरीना उस्मानी, विधायक सुश्री आराधना मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति सुश्री रूपरेखा वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन चैनल के सम्पादक श्री वासेन्द्र मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं पत्रकार उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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