उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के 77 संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों को अनुदान सूची पर शासनादेश निर्गत होने की तिथि से लेने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
इस फैसले से राजकोष पर प्रतिवर्ष लगभग 12 करोड़ 53 लाख 37 हजार 360 रुपये का आवर्तक व्ययभार आएगा। इसमें शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को देय आवास भत्ता एवं सी0सी0ए0 का आकलन नहीं किया गया है, क्योंकि यह लाभ शहरों की वर्गीकृत श्रेणी के अनुरूप देय होता है। मंत्रिपरिषद ने इस प्रकरण पर भविष्य में आवश्यकतानुसार किसी संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार संस्कृत भाषा के सर्वांगीण विकास एवं इसकी गुणवत्ता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से 31 दिसम्बर, 2000 तक स्थायी मान्यता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों/महाविद्यालयों को अनुदान सूची पर सम्मिलित किए जाने के लिए, 07 फरवरी, 2014 के शासनादेश द्वारा मानक तय किए गए हैं।
इस मानक के अनुसार मण्डल स्तरीय समिति एवं राज्य स्तरीय समिति की संस्तुति के उपरान्त अनुदान सूची पर लिए जाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था के तहत 77 संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों को अनुदान सूची पर लेने का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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