प्रदेश की राजनीति में सपा और बसपा से नाराज गरीब तबके के मुसलमानों को लामबन्द करने की नई कोिशश मोमिन कान्फ्रेंस ने उत्तर प्रदेश की सरजमी पर कर दी है। जिसके कारण बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों में राजनैतिक ऊंट नई करवट बैठ सकता है। यह बात मोमिन कान्फ्रेन्स के प्रदेश अध्यक्ष हाजी मोहम्मद रईस अन्सारी ने कहते हुये कहा कि अब हिन्दुस्तानी जनता नीन्द से जाग उठी है, समाज की कमज़ोर जातियां आज राजनैतिक तौर पर संगठित होकर अपना हक ले रही हैं, मोमिन कान्फ्रेन्स की रहनुमाई करने वाले लीडरान मुसलमानों और दीगर मेहनतकश पिछड़ी जातियों की इस राजनैतिक कमज़ोरी को समझ कर बीते दिनों की गलतियों से सबक़ लेकर सन् 2000 में मोमिन कान्फ्रेन्स को एक राजनैतिक पार्टी बनाकर चुनाव आयोग कार्यालय में पंजीकृत करवाया। उत्तर प्रदेश में 159 विधान सभा सीटों का फैसला केवल मोमिन मतदाता करते हैं, इस के साथ हिन्दू बुनकर यानी कोरी समाज और पिछड़ी जातियों के साथ हम गठजोड़ कर लेते हैं तो उत्तर प्रदेश में 250 विधान सभा सीटों पर कब्ज़ा कर सकते हैं।
हाजी मोहम्मद रईस अन्सारी ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश के भदोही शहर के क़ालीन बुनकरों के द्वारा हर साल लगभग 3200 करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा हिन्दुस्तान में आती है। क्या इस खुद्दार क़ौम के करोड़ों लोगों के द्वारा कमायी जाने वाली खरबों रूपए की विदेशी मुद्रा का बदला केवल ऋण पर दिए जाने वाले कुछ हैण्डलूम और पावरलूम हैंर्षोर्षो अगर ऐसा नहीं और यक़ीनी तौर पर नहीं तो आज से हम और हमारे प्रदेश के करोड़ों मेहनतकश लोग एक होकर संगठित आन्दोलन करेंगे और आज से मोमिन कान्फ्रेन्स मुस्लिम समाज और समाज के अति पिछड़े वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुसार ईमानदारी से सरकार में भागीदार बनाने का काम करेगी। भविष्य में एक महत्वपूर्ण मीटिंग होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। वार्ता के दौरान मोमिन कान्फ्रेन्स उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता श्री उत्तम षर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसने वाले मेहनतकश मज़दूरों व बुनकरों का शोषण क्या इसी प्रकार किया जाता रहेगार्षोर्षो क्या यह समाज केवल चुनाव के अवसर पर सिरों की गिनती गिनाने के समय आगे लाया जाता रहेगार्षोर्षो क्या अंग्रेज़ शमषान घाट पर देश की आज़ादी के लिए दी जाने वाली शेख भिखारी की पहली शहादत, क्या मौलाना आसिम बिहारी का बस्ती-बस्ती दिया जाने वाला पैगाम-ए-इिन्कलाब एवं खुद्दारी का सबक, क्या अब्दुल कैय्यूम अन्सारी की अगुवाई में देश को विभाजित करने वाली शक्तियों के विरूद्ध एक अखण्ड भारत का नारा बुलन्द करने वाले करोड़ों मुसलमानों की कांग्रेस को दी जाने वाली भरपूर हिमायत का सौदा केवल दस बीस टिकटों से किया जा सकता हैर्षोर्षो आज बड़े हर्ष का दिन है कि आप महानुभावों के बीच कुछ क्षण बात करने का अवसर मिला। इस देश में रहने वाले तमाम व्यक्ति यह जानते हैं कि आज़ाद हिन्दुस्तान से पहले और आज़ाद हिन्दुस्तान के बाद मेहनतकश मज़दूर व बुनकरों को अपने अधिकार दिलाने के लिए मोमिन कान्फ्रेन्स हिन्दुस्तान की मुस्लिम समाज का सब से बड़ा संगठन रहा है। जिस की दस्तकारी और कपड़े के उद्योग ने पूरे विश्व के बाज़ारों पर अपना क़ब्ज़ा शतािब्दयों तक क़ायम रखा। मुख्य रूप से यूरोप के बाज़ार हमारे देश की बनी हुई वस्तुओं से हमेशा भरे रहते थे। अंग्रेज़ी साम्राजियत हिन्दुस्तान को अपने देश की बनी हुई वस्तुओं का बाज़ार बनाने के लिए बेचैन थी और यह उस समय तक सम्भव न था जब तक हिन्दुस्तान की कपड़ा बुनाई के उद्योग को बबाZद करके समाप्त न कर दिया जाए। इस लिए अंग्रेज़ों ने अपनी इस गन्दी पॉलिसी के चलते हर वह साज़िश रची जो इस उद्योग को तबाह करने वाला हो और बुनकरों की बबाZदी का कारण हो। हिन्दुस्तान का इतिहास इस बात का साक्षी है कि अंग्रेज़ों की इस गन्दी पॉलिसी के चलते तमाम मेहनतकश बुनकरों को या तो क़त्ल किया गया या जेलख़ानों में डाला गया, तमाम बुनकरों के अंगूठे काट लिए गए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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