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कार्यशाला मेें निशुल्क नीबू घास के पौधो का वितरण

Posted on 25 July 2015 by admin

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जिला विज्ञान क्लब, लखनऊ द्वारा शास्त्री भवन सभागार, सरोजनीनगर लखनऊ में केन्द्रीय औषधीय एवं
पौधा संस्थान (सीमैप) के सहयोग से एक दिवसीय औषधीय एवं सगन्ध पौधांे की खेती सम्बन्धी कार्यशाला/ जागरूकता कार्यक्रम, सहायक विकास अधिकारी एस.टी सरोजनी नगर जितेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में की गई।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता सीमैप के वरिष्ट वैज्ञानिक एवं सलाहकार डाॅ0 ए.के.सिहं ने किसानो
को सम्बोधित करते हुए  कहा कि औषधीय एवं सगन्ध पौधांे की खेती को अपना कर बेकार पड़ी
हुई ऊसर बंजर जमीन का सदुपयोग कर के परम्परागत खेती के साथ साथ अतिरिक्त धनराशि अर्जित कर सकते है। उन्होने कहा कि तुलसी की फसल सिर्फ 90 दिनो में तैयार हो जाती है, तुलसी का तेल 600 रूपये लीटर बेच कर किसान कम समय में अधिक धन कमा सकते है। उन्होने कहा कि कम सिचाई और मिट्टी की कटान रोकने वाली नीबू घास की पहली फसल चार महीने में काट कर किसान 1000 रूपये लीटर बेच कर नगद धनराशि जुटा सकते है। बहु वर्षीय नीबू घास की फसल को एक साल में चार बार काट सकते है।
कार्यशाला की मुख्य अतिथि एवं सरोजनी नगर ब्लाक प्रमुख किरन यादव ने कहा कि भोजन को स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्य वर्धक बनाने के लिए धर की रसोई में मसालो के रूप में मौजूद लौगं, कालीमिर्च, हींग, हल्दी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में रोगी का
इलाज करने के लिए वैद्य एवं हकीमो द्वारा काढे के रूप में जड़ी बूटियो का प्रयोग किया जाता है।
उन्होने कहा कि सरोजनी नगर के जागरूक किसान औषधीय एवं सगन्ध पौधांे की खेती अपना कर
अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हुए समाज को भी लाभांन्वित कर सकते है। उन्होने जिला विज्ञान क्लब, लखनऊ की ओर से चयनित लगभग दो दर्जन किसानो को लगभग 1000 लैमन ग्रास (नीबु घास) के पौधे वितरित किए।
कार्यशाला में सीमैप के वरिष्ट वैज्ञानिक डाॅ0 रवि प्रकाश.बन्सल ने किसानो को औषधीय एवं सगन्ध पौधांे की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मानव स्वास्थय को प्रभावित करने वाले रोगो के बढने के कारण विश्व दवा बाजार में जड़ीबुटियो की मांग बढ रही है। इनकी निरन्तर आपूर्ति सुनिश्चित करने की दृष्टि से आवश्यक हो गया है कि इन औषधिय और संगध पौधो की व्यापारिक स्तर पर वैज्ञानिक खेती की जाये। उन्होने बहुवर्षीय कृषि क्रियाकलापों में लेमन ग्रास, पामारोजा, सेट्रोनेला, खस, सतावर, सनाय, ग्वारपाठा, गुडमार, बच, मुस्कदाना,आदि के रोपण के बारे में विस्तार से बताया।
जिला विज्ञान क्लब लखनऊ के समन्वयक राजकमल श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए  कहा कि अपनी सोच को वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत बनाकर किसान परम्परागत खेती के साथ-साथ औषधीय एवं संगध पौधो की खेती को अपनाकर अतिरिक्त आय को अर्जित कर सकते है। वैज्ञानिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए ब्लाक स्तर पर  सभी गावों से किसानो का चयन किया जा रहा है।
कार्यशाला में ए.डी ओं ए.जी के.के शुक्ला., सरोजनी नगर के विभिन्न ग्राम सचिव एवं ग्राम प्रधानो समेंत लगभग 100 किसान उपस्थित रहे। कार्यशाला के सफल आयोजन में , नैयर जैदी, विनीत कुमार, आदि का सराहनीय योगदान रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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