समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि जिस दिन से प्रदेश में समाजवादी सरकार बनी है, बसपा अध्यक्ष अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है। जनता ने उनके कुशासन से त्रस्त होकर उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। समाजवादी पार्टी की सरकार ने विकास को गति दी तो उससे बसपा का बचा खुचा जनाधार भी निबट गया। अब बौखलाहट में पहले ही दिन से वे प्रदेश में राष्ट्रपति राज की मांग कर रही है। उनकी सुई हर बार उनके टूटे रिकार्ड पर एक जगह ही आकर अटक जाती है।
अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में बसपा अध्यक्ष ने कभी किसी दुखियारे के आंसू पोंछना तो दूर उसको अपने आवास की गली में भी नहीं आने दिया। आज जब वे किसी के लिए झूठे घडि़याली आंसू बहाती हैं तो हंसी आती है। हमेशा दलितों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करनेवाली बसपा का समाजवादी पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप निराधार है। श्री मुलायम सिंह यादव ने ही अम्बेडकर ग्राम योजना श्ुारू की थी। अपने समय के क्राइम रिकार्ड को ही वे समाजवादी पार्टी पर थोपने की उल्टी कोशिश करती है। प्रदेश में कानून का राज है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो रही है। सरकार संवेदनशील है। इसके बावजूद राज्यपाल से राष्ट्रपति राज की मांग करना संविधान और जनादेश दोनों का अपमान करना है।
बसपा अध्यक्ष यह समझती है कि एक झूठ बारबार दुहराने से सच हो जाती है। तथ्य तो यह है कि बसपा भाजपा के सहारे राजनीति करती रही है। गुजरात में जाकर बसपा अध्यक्ष ने श्री नरेन्द्र मोदी का प्रचार किया था। आज वे दिखावे के लिए भाजपा की आलोचना करती है और समाजवादी सरकार पर भाजपा से मिलने का झूठा आरोप लगा रही हंै। भाजपा की सांप्रदायिकता के खिलाफ समाजवादी पार्टी ही लड़ती आई है।
बसपा अध्यक्ष ने परिणामी प्रोन्नति के मामले में भी भ्रम फैलाने का काम किया है, सर्वोच्च न्यायालय की शर्तो के अनुरूप प्रदेश सरकार ने प्रदेश में व्यवस्था लागू की है। लेकिन अपनी गलती छुपाने के लिए वे गुमराह करनेवाली बातें कर रही हैं। यह उनकी पुरानी आदत है। लेकिन अब भ्रमित होनेवाली नहीं है। उनकी अनर्गल बयानबाजी को कोई गम्भीरता से नहीं लेता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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